आंदोलन का नेतृत्व कर रहे छात्र निकाय पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने एक बयान जारी कर कहा कि उन्हें शहर की पुलिस ने एक ईमेल भेजकर अनुमति देने से इनकार कर दिया।
साथ ही डब्ल्यूबीजेडीएफ ने राज्य प्रशासन और शहर पुलिस को याद दिलाया कि उनका लोकतांत्रिक आंदोलन किसी भी परिस्थिति में दबाया नहीं जा सकता।
महारैली कॉलेज स्क्वायर से शाम 4.30 बजे शुरू होकर मध्य कोलकाता के एस्प्लेनेड में उस मंच पर समाप्त होनी थी, जहां सात जूनियर डॉक्टर बलात्कार और हत्या के मामले में अपनी मांगों को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं। डब्ल्यूबीजेडीएफ ने आम लोगों को भी विरोध रैली में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों ने दावा किया कि शहर पुलिस ने रैली मार्ग पर कुछ लोकप्रिय पूजा पंडालों का हवाला देते हुए अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा, यह तर्क निराधार है, क्योंकि रैली मार्ग पर कोई भी बड़ा और लोकप्रिय पंडाल नहीं है, जहां लोगों की संख्या अधिक हो। आम लोगों की भागीदारी वाले हमारे शांतिपूर्ण विरोध को किसी भी परिस्थिति में दबाया नहीं जा सकता।
शनिवार शाम से जूनियर डॉक्टरों ने एक अनोखा विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जिसमें कुछ डॉक्टरों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है, जबकि अन्य डॉक्टर काम बंद करने का निर्णय वापस लेकर अपनी चिकित्सा सेवा ड्यूटी पर लौट गए हैं।
शुरुआत में छह जूनियर डॉक्टर (तीन महिला और तीन पुरुष) ने भूख हड़ताल शुरू की। रविवार शाम उनका सातवां साथी भी उनके साथ शामिल हो गया था।