समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हेडक्वार्टर, संगठन के भीतर रसद की देखरेख करता है और संगठन में विभिन्न इकाइयों के बजट और प्रबंधन का प्रभारी है।
आईडीएफ ने एक बयान में कहा गया कि हुसैनी ने ईरान और हिजबुल्लाह के बीच हथियारों के ट्रांसफर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और वह हिजबुल्लाह यूनिट्स के बीच हथियारों के वितरण के लिए जिम्मेदार था।
बयान के मुताबिक हुसैनी जिहाद परिषद, हिजबुल्लाह की वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व परिषद का सदस्य भी था।
आईडीएफ के मुताबिक हुसैनी हिजबुल्लाह की सबसे खास प्रोजेक्ट के बजट और रसद प्रबंधन के लिए जिम्मेदार था, जिसमें संगठन की युद्ध योजनाएं और अन्य विशेष अभियान शामिल हैं।
हिजबुल्लाह ने हमले पर तुरंत टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। हालांकि, स्थानीय मीडिया के अनुसार, उसने रात में इजरायल की विदेशी खुफिया एजेंसी मोसाद के मुख्यालय के पास एक सैन्य अड्डे पर रॉकेट दागे जाने की जिम्मेदारी ली।
23 सितंबर से, इजरायल ने लेबनान में हवाई हमले तेज कर दिए। उसका कहना है कि यह कार्रवाई लेबानानी संगठन हिजबुल्ला के खात्मे के लिए की जा रही है।
27 सितंबर को बेरूत के दक्षिणी उपनगर में एक महत्वपूर्ण हमले में हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह और उसके कई सहयोगी मारे गए। वहीं इजरायल ने दक्षिणी लेबनान में जमीनी सैन्य अभियान भी शुरू कर दिया।
8 अक्टूबर, 2023 को हिजबुल्लाह ने गाजा में हमास के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए इजरायल पर रॉकेट दागने शुरू किए थे। नवीनतम घटनाक्रम इसी संघर्ष का विस्तार है।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर) फिलिपो ग्रांडी ने सीरिया और लेबनान की सीमा पर स्थित जेडीडेट याबूस क्रॉसिंग का दौरा किया। इजरायली हमले शुरू होने के बाद से लाखों लोग लेबनान से सीरिया पहुंचे हैं।
ग्रांडी ने सोमवार को एक्स पर लिखा, मैं सीरियाई/लेबनानी सीमा पर हूं, जहां लेबनान में इजरायली हवाई हमले बढ़ने के बाद से 23 सितंबर से अब तक 25 लाख लोग आ चुके हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने सीरिया की सरकारी समाचार एजेंसी सना के हवाले से बताया कि वर्तमान में लेबनान में 12 लाख से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं।