लखनऊ। अश्विन मास कृष्ण पक्ष की चौथ पर सुहागिन महिलाओं ने निर्जला व्रत रखा और अपने पति की दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। करवा चौथ के व्रत को लेकर सुहागिन महिलाएं कई दिन पहले से तैयारी कर रहीं थी। महिलाओं ने कई दिन पहले से करवा, सीक, गट्टे और नए चावल एवं चावल का आटा करवे का कलैण्डर खरीद लिया था। शनिवार को शाम 7 बजकर 50 मिनट पर जब चंद्रोदय हुआ। उसके बाद महिलाओं ने चंद्र को अध्र्य दिया और करवे रखकर चंद्रमा देवता की पूजा अर्चना की और अपने पति की आयु के लिए प्रार्थना की।
करवा चौथ पर महिलाएं अपनी शादी की साड़ी विशष रूप से पहन कर आयीं थी और हाथ में मेहदी आदि रचवाई थी। महिलाओं ने चंद्र उदय होते ही चंद्र देवता की आराधना की और उनको अर्ध्य देकर अपने पति के दर्शन छन्नी से किये उसके बाद जल ग्रहण किया और व्रत का पारण किया। रवा चौथ पर महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्र दर्शन के बाद कढ़ी चावल और अन्य बनाए पकवान से भोग लगाती हैं। राजधानी में करवा चौथ पर काफी उत्साह देखा गया। नई बहुएं पहली बार करवा चौथ शुक्रअस्त होने के कारण व्रत नहीं रख पायीं। बाजारों में करवा चौथ पर काफी चहल पहल रही।