विस्फोट तब हुआ जब पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी (प्राइवेट) लिमिटेड से चीनी कर्मचारियों को ले जा रहे एक काफिले पर कराची में जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हमला किया गया।
एक बयान में, चीनी दूतावास ने आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की, दोनों देशों के पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की, घायलों और उनके परिवारों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की।
इसमें कहा गया कि दूतावास और उसके महावाणिज्य दूतावास घटना के बाद की स्थिति से निपटने के लिए पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ संपर्क में हैं।
चीन ने पाकिस्तान से इस मामले की गहन जांच करने और अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की अपील की। साथ ही, उसने देश में चीनी नागरिकों, संस्थानों और परियोजनाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की।
विस्फोट के बारे में शुरुआती रिपोर्टें विरोधाभासी थीं, कुछ अधिकारियों ने इसे IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) विस्फोट बताया, जबकि अन्य में कहा गया कि ब्लास्ट एक वाहन के तेल टैंकर से टकराने के बाद हुआ।
घटनास्थल से मिली फुटेज में कई वाहनों में आग लगी हुई दिखाई दे रही है और बम निरोधक दस्ता विस्फोट की प्रकृति की जांच कर रहा है।
यह विस्फोट स्थानीय समयानुसार रात करीब 11:00 बजे कराची के जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास तब हुआ, जब काफिला वहां से गुजरा
प्रतिबंधित समूह बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है, हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है।