उन्होंने आईएएनएस से कहा, “शिवराज सिंह चौहान ने कुछ गलत नहीं कहा है। झारखंड में इसे तुरंत लागू किया जाना चाहिए, यह राज्य आदिवासियों की पहचान से जुड़ा हुआ मुद्दा है। झारखंड में पहले 44 प्रतिशत से ज्यादा आदिवासी आबादी थी। अब यह संख्या 28 प्रतिशत से नीचे आ गई है, और यह सब हेमंत सोरेन के शासन में हुआ है। उन्होंने बांग्लादेशी और रोहिंग्या शरणार्थियों को खुली छूट दे दी है। इन लोगों ने न केवल यहां बसने की कोशिश की, बल्कि हमारी आदिवासी बेटियों से शादी करके मूल सनातनी समुदाय की पहचान को मिटाने की कोशिश की है। इसलिए, झारखंड में एनआरसी का कार्यान्वयन जरूरी है, और इसे बंगाल, असम और अन्य राज्यों में भी लागू किया जाना चाहिए। पूरे देश में भारतवंशियों की एक पहचान होनी चाहिए।”
गिरिराज ने ओवैसी के उस बयान की भी निंदा की जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन से भारत को खतरा है, लेकिन मोहन भागवत उसकी बात नहीं करेंगे। इस पर उन्होंने कहा, “मोहन भागवत ने जो कहा, वह गलत नहीं है। भारत को ओवैसी जैसे लोगों और उनकी सोच से खतरा है, जिनके डीएनए में ही भारत विरोधी भावना है। आखिर मोहन भागवत जी को यह बात कहने की आवश्यकता क्यों पड़ी? आज के हालात में सभी सनातनियों को एक होना चाहिए। अगर हम एकजुट नहीं होते हैं, तो भारतवंशियों को टुकड़ों में बांटकर नष्ट करने की कोशिश की जाएगी। इसमें ओवैसी ही नहीं, राहुल गांधी, ममता बनर्जी और लालू यादव जैसे अन्य नेता भी शामिल हैं।”
बता दें कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मुखिया मोहन भागवत ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा था कि भाषाई, जातीय और क्षेत्रीय विवादों को मिटाकर हिंदू समाज को अपनी सुरक्षा के लिए एकजुट होना होगा।
हाल ही में बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अपना बंगला खाली किया था। वर्तमान में यह बंगला बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को दिया गया है। इसके बाद उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने बंगला खाली तो कर दिया लेकिन इस बंगले से बेड, सोफा जैसी कई चीजें गायब हैं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, “मैंने जो देखा, वह बहुत निराशाजनक है। यह एक शर्मनाक हरकत है और यह दर्शाती है कि एक राज्य के मुख्यमंत्री बनने का ख्वाब देखने वाले व्यक्ति की सोच क्या है। अब मैं कहता हूं कि राज्य के मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे जांच कराएं कि उपमुख्यमंत्री के बंगले पर अब तक कितना खर्च हुआ है और वहां क्या-क्या सामान बचा है। साथ ही, एफआईआर भी दर्ज कराई जानी चाहिए।”
उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव की टिप्पणी को ओछी मानसिकता का प्रतीक बताया।