: इजरायल ने बेरूत में जो बारूदी तबाही मचाई है. उसकी सबसे बड़ी वजह बंकर बस्टर बम है. ये बम कई फीट नीचे बने बंकर की भी धज्जियां उड़ा देते हैं. बड़ी बड़ी इमारतों को खंडहर में बदल देते हैं. इन बमों के इस्तेमाल से इजरायल हिजबुल्लाह का खात्मा करने में जुटा है. हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह भी इस बम के हमले में मारा गया. महाविनाशक कहे जाने वाले इसी बम का इस्तेमाल आखिर क्यों इजरायल कर रहा है. साथ ही ये भी जानते हैं कि ये बम कितना खतरनाक है.
इजरायल ने लेबनान की राजधानी में बेरूत में जबरदस्त तबाही मचाई है. इसके लिए उसने बेरूत पर तबाड़तोड़ कई एयरस्ट्राइक की और बड़े पैमाने पर बंकर बमों का इस्तेमाल कर पूरे इलाके मलबे के ढेर में बदल दिया. इतनी भारी तबाही किसी सामान्य बम अटैक में नहीं होती, इसके लिए इजरायल ने बंकर बस्टर बम का इस्तेमाल किया. हिजबुल्लाह चीफ के खात्मे के लिए ऐसे ही बंकर बमों का इस्तेमाल किया गया था. इजरायल ने 8 विमानों को 2000 पाउंड के बमों से लैस कर ये महा तबाही मचाई थी.
कितना खतरनाक ये बम
बंकर बस्टर बम, जिन्हें ग्राउंड पेनेट्रेशन म्यूनिशन के नाम से भी जाना जाता है. ये इतने खतरनाक बम हैं कि किलेबंद संरचना या जमीन के नीचे बंकरों को नष्ट करने के लिए डिजाइन किए गए हैं, जिनमें 2000 पाउंड से लेकर 4000 पाउंड तक के वजन वाले विस्फोटक भरे होते हैं. ये 30 मीटर जमीन या 6 मीटर कंक्रीट को आसानी से भेद सकते हैं. इनमें JDAM किट लगी होती है जिससे दुश्मन पर सटीक निशाना लगता है फिर भी ये एक हमले में 3850 मीटर स्क्वायर एरिया को पूरी तरह खाक में मिला देता है, लेकिन इनका दायरा इतना बड़ा होता है कि टारगेट के साथ ही आसपास की आबादी भी मिटा देते हैं.
इजरायल पर उठे सवाल
यही वजह है कि दुनिया के कुछ देश और मानवाधिकार संगठन, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बंकर बस्टर बमों के इस्तेमाल को लेकर इजरायल पर सवाल उठाए. वहीं, इजरायल की दलील है कि ये आतंकी संगठन मानवता के दुश्मन हैं और इन्हें आसानी से खत्म नहीं किया जा सकता.
इन बमों का यूज ही क्यों?
इजरायल हिजबुल्लाह के खिलाफ बंकर बस्टर बमों का ही इस्तेमाल क्यों कर रहा है, इसके पीछे की बड़ी वजह है ये कि हिजबुल्लाह के टनल नेटवर्क को खत्मा करने में ये बम बड़े काम कारगर हैं. इजरायल ने लेबनान पर जितने भी हमले किए हैं, उनमें से अधिकतर में इन्हीं बमों का इस्तेमाल किया है. चाहे गाजा हो या लेबनान इनमें ज्यादातर अमेरिकी BLU-109 और MK84 बम का ही इस्तेमाल किया गया, जो बंकर बस्टर बम हैं.
इजरायल जिस तरह अंधाधुंध तरीके से बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल कर रहा है, उसे पिछले अमेरिकी हमलों से तुलना कर समझा जा सकता है. इराक पर 2003 के अमेरिकी अटैक में पूरे संघर्ष में के दौरान कुल 24 जीबीयू-24 और जीबीयू-28 बंकर बस्टर बम गिराए, जबकि पिछले शुक्रवार को इजराइल ने एक रात में इससे 3 गुना ज्यादा बारूदों की बौछार कर दी. खुद इजरायल के पास बारूदी बमों का भंडार है फिर भी उसे अमेरिका और नैटो देशों से भर-भर के घातक हथियार मिलते हैं.
रिपोर्टों के मुताबिक, यूएस ने 2005 से ही इजरायल को बंकर बस्टर बम मुहैया कराए हैं, जिनमें 2023 में 6.6 बिलियन डॉलर के सैन्य सहायता पैकेज में 1000 से ज्यादा बम शामिल हैं. एक बार फिर अमेरिका से बंकर बस्टर बमों की इजरायली डिमांड फिलहाल मानवाधिकार के नाम पर अटकी हुई है, लेकिन अनुमान जताया जा रहा है कि बाइडेन प्रशासन जल्द ही इन बमों की डिलिवरी कर सकता है. जिसके बाद इजरायली एयरस्ट्राइक में बंकर बस्टर बमों के धमाके और इनसे होने वाली तबाही और तेज होगी.