प्राप्त जानकारी के अनुसार, 22 वर्षीय रंगनावेनी हरीश को कोरोना काल में ऑनलाइन सट्टे की लत लग गई थी और उसने अपने परिवार को भारी कर्ज में डुबो दिया था। कथित तौर पर हरीश सट्टेबाजी के जाल में फंस बड़ी रकम गंवा चुका था।
बेटे का कर्ज चुकाने के लिए पिता ने अपनी खेती की जमीन बेच दी थी। फिर भी मामला सुलझ नहीं पाया था। आखिरकार परेशना होकर पिता रंगनावेनी सुरेश (53), मां हेमलता (45) और बेटे हरीश (22) ने रात में अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि उस पर 20 लाख का कर्जा था।
मौका-ए-वारदात पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ के आधार पर बताया कि हरीश को ऑनलाइन सट्टेबाजी की लत लग गई थी और उसने काफी कर्ज ले लिया था। अपनी खेती की जमीन बेचने के बावजूद भी परिवार कर्ज चुकाने में असमर्थ था, जिसके कारण माना जाता है कि उन्होंने यह कदम उठाया।
पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए बोधन के सरकारी अस्पताल में भेज दिया।
एक अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, मृतक के एक रिश्तेदार ने तीनों को बेहोश पाया था, जिसके बाद उसने पड़ोसियों को जानकारी दी और फिर उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पड़ोसियों ने भी आर्थिक तंगी को ही आत्महत्या की वजह बताया।
ऐसी ही एक घटना आंध्र प्रदेश में भी हुई। यहां एक ही परिवार के चार सदस्यों ने आत्महत्या करने की कोशिश की और आखिरकार उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। इनमें परिवार के मुखिया की जान चली गयी। पुलिस विवरण के अनुसार आत्महत्या की कोशिश नागराज रेड्डी (61) की पत्नी जयंती (51), बेटी सुनीता (26) और बेटा दिनेश (23) ने की। कुछ साल पहले ही नागराज रेड्डी ने अपना घर बेच दिया था और चित्तूर कोंगारेड्डीपल्ली (केआर पल्ली) में किराए के घर में रहने लगे।