Pink Cocaine क्या है, युवाओं के बीच बढ़ रहा जिसका क्रेज, घातक इतना कि बढ़ रहीं मरने वालों की गिनती!

Pink Cocaine को लेते ही उनको एक अलग ही दुनिया में होने का एहसास होता है और वो अपनी सारी टेंशन को भुला कर इसके नशे में झूमने लगते हैं. हालांकि, इस घातक ड्रग को बड़ी संख्या में हो रही मौतों के पीछे की वजह से जोड़कर देखा जा रहा है.

क्या है पिंक कोकेन?

  • पिंक कोकेन एक सिंथेटिक ड्रग कॉकटेल है. ये कोई जरूरी नहीं कि इसमें कोकेन (What is Cocaine) ही हो. इसमें MDMA, केटामाइन और 2सी-बी जैसे अन्य ड्रग्स का मिश्रण होता है.

  • MDMA को एक्स्टसी (Ecstasy) के रूप में जाना जाता है, जिसका सेवन लोगों में उत्तेजना बढ़ता है. इसमें साइकेलेडिक (Psychedelic) गुण पाए जाते हैं.

  • वहीं, केटामाइन एक पावरफुल एनेस्थेटिक (Anesthetic) है, जिसमें शामक और मतिभ्रमकारी प्रभाव होते हैं. 2सी-बी ड्रग उत्तेजक प्रभाव (Dangerous Drugs of Sex) करता है.

  • पिंक कोकेन आमतौर पर पाउडर या फिर गोलियों के रूप में होता है. इसे आम कोकेन से छह गुना महंगा बताया जाता है. स्पेन में यह ड्रग लगभग 100 अमेरिकी डॉलर प्रति ग्राम (£76) में बेची जाती है.

  • पिंक कोकेन को ‘डिजाइनर’ ड्रग के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसकी गोलियों को फूड कलर की मदद से गुलाबी रंग से रंगा जाता है, ताकि इसकी विज्युअल अपील बढ़े.

  • इस ड्रग को पहली बार 1974 अमेरिकी बायोकैमिस्ट अलेक्जेंडर शुल्गिन ने बनाया था, लेकिन इसके मॉर्डन वैरिएंट (नकल) को 2010 के आसपास कोलंबिया में बनाया गया.

  • पिंक (Pink Drug) कोकेन को टूसी के अलावा कोकेना रोसाडा (Cocaina Rosada), वीनस (Venus) और इरोस (Eros) जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है.

पिंक कोकेन कितना घायक

पिंक कोकेन गुलाबी रंग होने के चलते जितना आकर्षक है, उतना ही घातक है. रिपोर्ट्स के मुताबिक पिंक कोकेन के सेवन से इंसान कई हानिकारक स्वास्थ्य जोखिमों के शिकार हो जाते हैं. इसके अधिक या फिर लंबे समय तक इस्तेमाल से लोगों में बार-बार बेहोश होने की दिक्कत हो जाती है. साथ ही उनको सांस संबंधी कई बीमारियां भी हो जाती है. अधिक में इसका सेवन मृत्यु का कारण भी बन सकता है.

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