हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को मार गिराने के लिए इजरायल ने मुखबीरों का सहारा लिया. इस तरह से बड़े हमले को उसने अंजाम दिया.
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि इजरायल के पास एक मजबूत जासूसी नेटवर्क है. कुछ मीडिया रिपोर्ट की माने तो उसमें दावा किया गया है कि ईरानी जासूस ने हमले से पहले इजरायल को नसरल्लाह के ठिकाने की सूचना दी थी. इस तरह से इजरायल ने बड़े हमले को अंजाम दिया. यह बेहद चौंकाने वाला खुलासा है कि ईरान न सिर्फ हिजबुल्लाह का समर्थक है, बल्कि उसने ही इस संगठन को खत्म करने में बड़ी भूमिका निभाई थी.
रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह के सामने इस वक्त संगठन की भीतरी घुसपैठ को रोकने की बड़ी चुनौती है. इसी वजह से इजरायल को उसके हथियार भंडारों को नष्ट करने और संचार साधनों पर अंकुश लगाने और उसके सीनियर्स लीडर्स की हत्या करने का मौका मिल सका. हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर शुक्रवार रात को बड़ा हवाई हमला हुआ. इस हमले में न सिर्फ नसरल्लाह बल्कि आतंकी संगठन की आधी लीडरशिप काउंसिल और टॉप मिलिट्री कमांड खत्म हो गई.
हिजबुल्लाह के लिए बड़े झटके की तरह है
इजरायल के अनुसार, उसने दक्षिणी बेरूत में एक इमारत के नीचे हिजबुल्लाह के अंडरग्राउड हेडक्वार्टर पर लड़ाकू विमानों से दर्जनों बंकर-बस्टिंग बम गिराए. इस हमले में नसरल्लाह को मारा गया. विशेषज्ञों की माने तो यह हिजबुल्लाह के लिए बड़े झटके की तरह है. इजरायली इस बात को जानते थे कि नसरल्ला बैठक कर रहा है. वहीं दूसरे कमांडरों से मुलाकात कर रहा है. इसके बाद उसने हमले को अंजाम दिया.