इंडस्ट्री के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा 28 अगस्त, 2014 को लॉन्च की गई पीएमजेडीवाई के जरिए बड़ी संख्या में नए बैंक खाते खुले हैं। इसके कारण लोगों का वित्तीय रिकॉर्ड बना पाया है, जिससे कंज्यूमर फाइनेंस के विकल्प उपलब्ध हो गए हैं।
टियर 2, 3 और 4 शहरों में घरेलू खपत में इजाफा देखा जा रहा है। छोटे कस्बों और शहरों में दोपहिया वाहनों, रेफ्रिजरेटर, एसी, फ्रिज, स्मार्टफोन और एफएमसीजी उत्पादों की मांग में बढ़त हुई है।
इस वित्त वर्ष की शुरुआत से अब तक ग्रामीण भारत में दोपहिया वाहनों की खरीदारी 62 प्रतिशत रही है।
टियर 2 और टियर 3 शहरों में ऑटो लोन में बढ़त देखने को मिली है। इसकी वजह है कि लंबी अवधि के फाइनेंसिंग विकल्प लोगों के पास मौजूद होना है, जिसके कारण वे लेटेस्ट वाहन को खरीद पा रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऑटो कंपनियां, मारुति सुजुकी, हुंडई, महिंद्रा और टाटा मोटर्स मानती हैं कि फाइनेंस से बिकने वाली गाड़ियों की संख्या इस साल में 84 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी। महामारी से पहले यह आंकड़ा 75 प्रतिशत पर था।
बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) की ताजा रिपोर्ट में बताया गया कि उपभोक्ताओं की ओर से विवेकपूर्ण खर्च में बढ़ोतरी के कारण और अनुकूल मूल्य प्रभाव के कारण निजी खपत में इजाफा देखने को मिल रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मुताबिक, देश में निजी खपत वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में वृद्धि के लिए तैयार है। इसका कारण महंगाई में कमी आना है।
केंद्र सरकार की ओर से पीएमजेडीवाई की शुरुआत गरीब लोगों को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए की गई थी। इस योजना के तहत करीब 53 करोड़ लोगों के बैंक खाते खोले गए हैं।
इन खातों में करीब 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं और 36 करोड़ डेबिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं। इसके साथ 2 लाख एक्सीडेंट इंश्योरेंस कवर भी इन खातों के साथ दिया जा रहा है।