जाजपुर जिले के बरचना में सदस्यता अभियान कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने 2016 में नवीन सरकार के दौरान ओडिशा के जाजपुर जिले के नागदा गांव में कुपोषण से हुई मौतों के मुद्दे की ओर इशारा करते हुए विपक्षी बीजद पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगाड़ा गांव विशेष रूप से कमजोर आदिवासी समूहों में से एक आदिवासी समुदाय के 15 से अधिक बच्चों की मौत के कारण सुर्खियों में रहा है, जिसने ओडिशा और पूरे देश का ध्यान आकर्षित किया है।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, हालांकि, पिछली बीजद सरकार वहां की स्थिति में बदलाव नहीं ला सकी। उन्होंने कई योजनाएं शुरू कीं और इसके लिए धन स्वीकृत किया, लेकिन गांव का विकास नहीं कर सके, जहां स्थिति अभी भी वैसी ही बनी हुई है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार गांव में विकास लाने में विफल रही, बल्कि चुनाव जीतने के लिए वोट बैंक बनाने में जुटी रही। उन्होंने (बीजेडी सरकार) क्षेत्र के गरीब निवासियों के जीवन में आर्थिक और सामाजिक विकास में बदलाव लाने के लिए कुछ नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने पंचायत विस्तार अधिकारी (पीईओ) स्मितारानी बिस्वाल की सनसनीखेज मौत का जिक्र किया, जो 16 अक्टूबर, 2019 को हरिदासपुर सरपंच के पति रूपेश के गेस्टहाउस में मृत पाई गई थीं।
मुख्यमंत्री ने कहा, धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली एक पंचायत में स्मितारानी नामक महिला काम कर रही थी। इसी दौरान बीजू जनता दल के कुछ नेताओं ने उसका निजी स्वार्थ के लिए इस्तेमाल किया और बाद में उसकी हत्या कर दी। स्मितारानी जैसी महिला की हत्या करने वाली पार्टी महिलाओं के सम्मान का ढिंढोरा कैसे पीट सकती है।
उन्होंने कहा कि स्मितारानी के पति ने हाल ही में उनसे मुलाकात की और हत्या के पीछे के रहस्य को उजागर करने के लिए घटना की नए सिरे से जांच करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार मामले को फिर से खोलेगी और पीड़िता को न्याय दिलाएगी। इस मामले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।