जानकारी के मुताबिक रविवार तड़के करीब 3 बजे पुत्तू लाल के कच्चे मकान की छत भरभराकर गिर गई। हादसे के समय घर के अंदर पुत्तूलाल अपने परिवार के साथ सो रहे थे। छत गिरने से सभी मलबे में दब गये। जोरदार आवाज सुनने के बाद ग्रामीण जब बाहर निकले तो घर गिरा देख सबके होश उड़ गए।
ग्रामीणों ने आनन-फानन में मलबा हटाने का काम शुरू किया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद मलबे में दबे सभी लोगों को बाहर निकाला गया। ग्रामीणों ने एंबुलेंस बुलाकर सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने विवेक और सरिता (सगे भाई-बहन) को मृत घोषित कर दिया और अन्य चार लोगों की हालत गंभीर होने के कारण मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया।
हादसे की सूचना मिलने के बाद इंदरगढ़ थानाध्यक्ष और स्थानीय लेखपाल मौके पर पहुंचे। पुलिस- प्रशासन ने हादसे की जांच शुरू कर दी है।
एक ग्रामीण ने बताया कि पुत्तूलाल अपने परिवार के साथ झोपड़ी में सो रहे थे। इसी दौरान रात में अचानक दीवार गिर गई और पूरा परिवार मलबे के नीचे दब गया। छत गिरने की आवाज सुनकर गांव के लोगों ने मलबा हटाया और घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दो लोगों को मृत घोषित कर दिया, जबकि अन्य घायलों का इलाज जारी है।
बता दें, इसी महीने 14 सितंबर को यूपी के मेरठ में भी ऐसा ही एक हादसा हुआ था, जहां बारिश की वजह से एक घर की छत गिर गई थी। इस दर्दनाक हादसे में भी मलबे में दबने के कारण दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई थी।