एक वरिष्ठ बचावकर्मी ने शनिवार को बताया कि गुरुवार दोपहर भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन के बाद संचार सुविधाओं की कमी और चुनौतीपूर्ण भूभाग के कारण बचाव अभियान में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई है।
समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, प्रांतीय खोज एवं बचाव कार्यालय के प्रमुख अब्दुल मलिक ने कहा कि शेष दो खनिकों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं। हालांकि उनकी स्थिति पता नहीं चल पाई है।
मलिक ने कहा, नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि 12 लोग मारे गए हैं और 11 घायल हुए हैं। घायलों को उचित चिकित्सा उपचार दिया जा रहा है। बचाव दल ने शेष बचे दो खनिकों के स्थान की पहचान कर ली है और उन्हें खदान से बाहर निकालने के लिए काम कर रहे हैं।
बता दें कि खोज और बचाव अभियान को अंजाम देने के लिए 229 से ज्यादा कर्मचारी काम कर रहे हैं। इन कर्मचारियों में स्थानीय बचाव कार्यालय के 29 लोग और स्थानीय अधिकारियों और समुदाय के सदस्यों की संयुक्त टीम के 200 से ज्यादा लोग शामिल हैं।
मलिक ने ऑपरेशन में आने वाली चुनौतियों का हवाला देते हुए कहा, साइट पर कोई संचार सुविधा नहीं है और जमीन के रास्ते खदान तक पहुंचने में कई घंटे लगते हैं।
पहले की रिपोर्ट में बताया गया था कि संचार संबंधी कठिनाइयों के कारण 15 खनिक मारे गए और 25 लापता हैं।
इंडोनेशिया में खदान दुर्घटनाएं आम बात हैं। यहां कई खदानें अक्सर बिना लाइसेंस के और कम सुरक्षा मानकों के साथ संचालित होती हैं।