प्रशांत किशोर ने कहा कि आज पूरे देश में बिहार के लोगों का अपमान हो रहा है। बिहारी व्यक्ति को मूर्ख, अनपढ़ और मजदूर समझा जाता है। आज बिहारी शब्द गाली बन गया है। पूरे देश में बिहार के बच्चों का जो अपमान हो रहा है, उसके लिए बिहार के नेता जिम्मेदार हैं।
बिहार के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार ज्ञान की धरती रही है। दुनिया भर से लोग शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करने के लिए बिहार आते थे। बिहार के नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालय पूरी दुनिया में प्रसिद्ध थे।
उन्होंने कहा कि बिहार वह धरती है जहां देवताओं ने भी ज्ञान प्राप्त किया। एक समय था जब पूरे देश पर बिहार से शासन होता था। लेकिन, बिहार के नेताओं के जंगलराज और अफसर राज का नतीजा है कि आज बिहार के बच्चे और युवा महज 10 से 12 हजार रुपये के लिए पूरे देश में जाकर मजदूरी करने को मजबूर हैं। उन्हें अपना घर-परिवार छोड़कर दूसरे राज्यों में मजदूरी करनी पड़ती है और उसके साथ ही अपमान और दुर्व्यवहार सहना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि जन सुराज का संकल्प है कि इस व्यवस्था को बदला जाए। बिहार के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले, ताकि कोई उन्हें अनपढ़ और मूर्ख कहकर अपमानित न करे।
प्रशांत किशोर दो अक्टूबर को राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में बिहारी छात्रों के साथ दुर्व्यवहार का एक वीडियो वायरल होने के बाद बिहार की सियासत गर्म है।