नेतन्याहू के कड़े तेवर को देखते हुए यूरोपीय अधिकारियों द्वारा पेश किए गए संघर्ष विराम प्रस्ताव की उम्मीदें कम हो गईं हैं. बता दें, लड़ाई में अस्थायी रोक लगाने के लिए पश्चिमी देश इस्राइल पर दबाव डाल रहे हैं. हालांकि, इन सबके बीच इस्राइल ने गुरुवार को बेरूत पर हमला किया, जिसमें हिजबुल्ला कमांडर मोहम्मद हुसैन सुरौर की मौत हो गई.
हिजबुल्ला को लेकर नेतन्याहू का कड़ा रुख
न्यूयॉर्क में नेतन्याहू ने कहा कि हम हिजबुल्ला के खिलाफ पूरी ताकत से हमला करेंगे. हम तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर लेते. सबसे महत्वपूर्ण है- उत्तर के निवासियों की उनके घरों में सुरक्षित वापसी. इस्राइल के कड़े रुख बावजूद अमेरिका और फ्रांस 21 दिन के युद्ध विराम पर बातचीत करने के लिए तत्पर हैं. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि युद्ध विराम के प्रस्ताव के बारे में इस्राइल को पूरी जानकारी है.
लेबनान ने की युद्ध रोकने की अपील
एक बैठक में लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौ हबीब ने संयुक्त राष्ट्र से अपील की है कि वह तत्काल युद्ध विराम कराएं. क्योंकि, इस्राइली हमले लेबनान के अस्तित्व को खतरे में डाल रही है.
युद्ध में हो रहा एडवांस तकनीक का इस्तेमाल
बता दें, हाल ही में लेबनान और दमिश्क में 3000 पेजर फटे थे, जिसमें 3000 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. पेजर हमले के बाद वॉकी-टॉकी और सौर उपकरण में विस्फोट हुआ, जिसमें करीब 30 लोगों की मौत हो गई थी. युद्ध अब अलग स्तर पर जा रहा है. हमलों में एडवांस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है.