स्टैंडिंग कमेटी के 18वें सदस्य का चुनाव के दौरान पीठासीन अधिकारी की भूमिका मेयर शैली ओबेरॉय के बजाय एडिशनल कमिश्नर जितेंद्र यादव निभाएंगे।
नगर निगम एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव पिछले डेढ़ साल से किसी न किसी कारण से टलता रहा है। 26 सितंबर को ही चुनाव कराया जाना था, लेकिन मेयर शैली ओबेरॉय ने इसे पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था। हालांकि, उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने एमसीडी कमिश्नर को आदेश देकर बीती रात (गुरुवार) 10 बजे से पहले चुनाव हर हाल में कराने का आदेश दिया था।
बता दें कि एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी निगम की सबसे पावरफुल बॉडी है। एमसीडी की ओर सभी अहम परियोजनाओं का प्रस्ताव स्टैंडिंग कमेटी ही करती है। इसलिए, सभी दल चाहते हैं कि स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव उनसके पक्ष में हो। एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्य होते हैं, जिसमें से 17 सदस्य चुन लिए गए हैं। इनमें से भाजपा के 9 और आम आदमी पार्टी के 8 सदस्य हैं।
एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव 26 सितंबर को होना था। लेकिन, चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को अपने पाले में कर लिया और कांग्रेस के नौ एमसीडी पार्षदों ने चुनाव में भाग न लेने का फैसला लिया। इसके बाद आम आदमी पार्टी संख्या बल के लिहाज से कमजोर दिखाई दे रही थी। इसके बाद मेयर ने चुनाव को पांच अक्टूबर तक के लिए टाल दिया था। इस बीच उप राज्यपाल के आदेश के बाद शुक्रवार (27 सितंबर ) को चुनाव कराने का फैसला लिया गया।
बता दें कि एमसीडी में 250 पार्षद हैं, जो स्टैंडिंग कमेटी के अंतिम सदस्य का चुनाव करेंगे। 250 में से एक पार्षद इस्तीफा दे चुका है, जिसके चलते एमसीडी सदस्यों की संख्या 249 है। कांग्रेस के इस चुनाव से दूरी बना दी है। इसलिए, अब 240 पार्षद ही वोट करेंगे। यानि की 18वें सदस्य का चुनाव जीतने के लिए 121 वोट निर्णायक हो गया।