उन्होंने कहा, “पिछले विधानसभा चुनाव में सिरसा जिले में किसान आंदोलन के चलते बड़ा विरोध हुआ था। मैं जब लड़ा, तब भी लोग सवाल पूछते थे। लोग यह कहते थे कि जिस भी पार्टी का बीजेपी से गठबंधन है, हम उसे वोट नहीं देंगे। बीजेपी का तीन पार्टियों के साथ गठबंधन है। बीजेपी की अन्य पार्टियों के साथ मिलीभगत है। बीजेपी को इस बार जनता समर्थन नहीं देगी। सिरसा में जो यह मिलीभगत है, जनता इसके खिलाफ है। उन्हें कोई वोट नहीं देगा। उनका सूपड़ा साफ होगा।”
इसके अलावा पवन बेनीवाल के कांग्रेस छोड़ने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि उन पर कुछ भी आरोप लगे और वह इस चुनाव में चाहें जैसे आएं, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। वह क्या बोलते हैं, उन्हें खुद नहीं पता होता है। वह अपने चाचा पर भी आरोप लगा देते हैं। वह कब और क्या बोल जाते हैं, न उन्हें पता होता है, न हमें।
उन्होंने कहा, “अपने शासनकाल के लिए बीजेपी ने कुछ बातें तो खुद स्वीकार कर ली हैं। पहला यह कि सरपंचों पर किया गया फैसला गलत था। इस पर भाजपा बैकफुट पर आ गई है। दूसरा मामला फैमिली आईडी का था। जिस व्यक्ति ने अपनी बेटी की शादी कर दी, वह आसानी से जमीन नहीं बेच सकता था। इसके लिए उसे इतने कागजात की जरूरत पड़ती कि वह जमीन बेच ही नहीं पाता। किसी को इलाज की जरूरत के लिए जमीन बेचनी है, वह भी जमीन नहीं बेच पा रहा था। रजिस्ट्रियां बंद हो गई थीं। इसकी वजह से इतनी परेशानियां आईं, जिससे आम जनता भाजपा के खिलाफ हो गई। आज की स्थिति यह है कि बीजेपी पूरे राज्य में 15 सीटें ही जीत पाएगी।