सीबीआइ में छिड़े घमासान को लेकर विपक्षी दल भी मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस आज देशभर में सीबीआइ मुख्यालों के बाहर प्रदर्शन कर रही है। दिल्ली में सीबीआइ मुख्यालय के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कांग्रेसी नेताओं के साथ प्रदर्शन किया। इस दौरान पुलिस ने कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। राहुल गांधी ने इस दौरान सांकेतिक गिरफ्तारी भी दी।
दिल्ली में सीबीआइ मुख्यालय के बाहर होने वाले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने के लिए शरद यादव और डी राजा समेत कई बड़े नेता पहुंचे हैं।
सीवीसी को जांच के लिए 15 दिन का समय
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआइ में मची रार के बीच आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सीवीसी को जांच के लिए 15 दिन का समय दिया है। दरअसल, सीबीआइ निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। आलोक वर्मा ने सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। आलोक ने सरकार पर जांच एजेंसी में दखलअंदाजी के गंभीर आरोप भी लगाए हैं। वरिष्ठ वकील फाली एस नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट में आलोक वर्मा का पक्ष रखा। वहीं, सीवीसी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैरवी की।
अस्थाना की याचिका पर होगी सुनवाई
इसके अलावा, घूसखोरी मामले में सीबीआइ की ओर से दर्ज एफआईआर को लेकर एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की याचिका पर भी आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। अस्थाना की तरफ से पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी सुप्रीम कोर्ट में पेश होंगे। इससे पहले, आज सुबह राकेश अस्थाना मुकुल रोहतगी के आवास पर उनसे मिलने भी गए थे।
LIVE अपडेट्स
- दिल्ली में सीबीआइ दफ्तर के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अशोक गहलोत प्रदर्शन में पहंचे।
- कर्नाटक और बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन जारी
- लखनऊ में भी सीबीआइ दफ्तर के बाहर कांग्रेस का प्रदर्शन
- आलोक वर्मा के वकील फाली एस नरीमन का पक्ष- सीबीआइ निदेशक के दो साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही क्या उन्हें हटाया जा सकता है।
- सीवीसी और केंद्र सरकार द्वारा पास किए गए ऑर्डर कानून के हिसाब से नहीं हैं : नरीमन
- हम इसकी जांच करेंगे। हमें केवल यह देखना है कि किस तरह का अंतरिम आदेश पास किया जा सकता है : सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस
- CJI ने अटॉर्नी जनरल को आदेश दिया कि जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा या पूर्व जज से कराई जाए। साथ ही, एजेंसी के अंतरिम निदेशक एम नागेशवर राव कोई नीतिगत फैसला नहीं लेंगे।
- आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना मामले में सीवीसी जांच 10 दिन में पूरी हो : CJI
- जांच पूरी करने के लिए 10 दिन काफी नहीं : सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता
- जांच तय समय में ही पूरी होनी चाहिए और इस मामले को लटकाना नहीं चाहिए : सुप्रीम कोर्ट
- सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सीवीसी के लिए आलोक वर्मा के खिलाफ जांंच करने की अवधि को 10 दिन से बढ़ाकर 15 दिन किया। 12 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।
- अगली सुनवाई तक नागेशवर राव नीतिगत फैसला नहीं ले सकते। वे सिर्फ रूटीन कामकाज ही देखेंगे।