लखनऊ. अपने हक और हकूक के लिए आरपार की लड़ाई लड़ रहे प्रतियोगी छात्रों ने अब सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उप्र लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव पर यूपीकोका के तहत कार्यवाही करने के साथ ही उनकी इस पद पर नियुक्ति करने वालों के खिलाफ भी यथोचित कार्यवाही करने की मांग की है।
दरअसल, उप्र लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में भर्तियों में हुई कथित धांधली के खिलाफ सड़कों पर उतरे प्रतियोगी छात्रों के संघर्ष का ही यह नतीजा है कि अब सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद नियुक्तियों और धांधलियों की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई कर रही है। इतना ही नहीं अपनी प्रारम्भिक जांच के बाद सीबीआई ने शनिवार को इलाहाबाद में अपनी ओर से पहली प्राथमिकी भी दर्ज करा दी है। अपने संघर्षों को फलीभूत होते देख उत्साही प्रतियोगी छात्रों ने अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अनिल यादव पर यूपीकोका के तहत कार्रवाई किए जाने की मांग की है।
धांधली के शिकार हुए प्रतियोगी छात्रों द्वारा बनाये गए संगठन प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के पदाधिकारी अवनीष पाण्डेय ने मुख्यमंत्री को भेजे गए अपने मांग पत्र में कहा है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद के पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव की नियुक्ति तत्कालीन समाजवादी सरकार द्वारा नियम-कानून को दरकिनार कर मनमाने ढंग से की गई थी। वास्तव में उनकी नियुक्ति के पीछे समाजवादी पार्टी के लिए अधिकारियों का एक काडर खड़ा करना उद्देष्य था। मांग पत्र में कहा गया है कि लेकिन अब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सीबीआई जाँच प्रारम्भ हो चुकी है लेकिन जो अपराध अनिल कुमार यादव तथा उनको अध्यक्ष पद बनाने वालों ने किया है उन पर भी कार्यवाही होनी चाहिए। मांग पत्र में कहा गया है कि अनिल कुमार यादव को उच्च न्यायालय ने नियम विरूद्ध नियुक्ति के आधार पर पद से हटाने का आदेश दिया गया था लेकिन कोर्ट को गुमराह किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए अपने मांग पत्र में प्रतियोगी छात्रों के ‘छले गए’ अभ्यर्थियों के संगठन ने कहा है कि जिस व्यक्ति ( अनिल यादव) की डिग्री फर्जी हो, जो व्यक्ति बाहुबल से प्राचार्य का पद धारण किया हो, जिस व्यक्ति का लम्बा आपराधिक इतिहास हो उसे किसने संरक्षण देकर उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष बनाया यह सर्वविदित है। पत्र में मांग की गयी है कि अनिल कुमार यादव तथा इनको संरक्षण देने वालों पर यूपीकोका कानून के तहत अविलम्ब कार्यवाही सुनिश्चित की जाये।