लेकिन भारत में दिखाई न देने के कारण इसका सूतक काल यहां मान्य नहीं होगा. फिर भी जिन राशियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा, उन्हें सतर्क रहने की जरूरत है.
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना होने के साथ-साथ ज्योतिषीय और धार्मिक दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण होता है. हिंदू धर्म में ग्रहण से जुड़ी कई मान्यताएं और नियम हैं. साल 2024 में दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को लगने जा रहा है. इस लेख में हम आपको बताएंगे कि यह ग्रहण किस समय लगेगा, इसका सूतक काल भारत में मान्य होगा या नहीं और किन राशियों को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है. तो चलिए शुरू करते हैं.
साल 2024 का आखिरी चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को सुबह 6 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और लगभग 10 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. हालांकि, यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. सूतक काल वह समय होता है जब धार्मिक कार्यों पर रोक लग जाती है और विशेष सावधानियां बरती जाती हैं. इस बार चंद्र ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, हिंद महासागर, अफ्रीका, आर्कटिक यूरोप, अटलांटिक महासागर और अंटार्कटिका में दिखाई देगा.
किन राशियों को बरतनी होगी सावधानी?
यह चंद्र ग्रहण राशिचक्र की 12वीं राशि, मीन में लगेगा. इसके प्रभाव से मीन, धनु, मेष और कन्या राशियों के जातकों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है. इन राशियों के लोगों को पारिवारिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं. करियर और व्यापार में भी कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है. इन राशियों के जातकों को धन का सही इस्तेमाल करने के लिए बजट बनाकर चलना चाहिए और माता-पिता एवं परिवार के अन्य सदस्यों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए.
ग्रहण के दौरान उपाय और सावधानियां
मीन, धनु, मेष, और कन्या राशियों के जातकों को भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और चंद्र ग्रह के मंत्रों का जप करना चाहिए. योग और ध्यान करने से भी लाभ होगा. चंद्र ग्रहण के बाद आने वाले दो हफ्तों तक इन राशियों के जातकों को बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता होगी बेवजह के विवादों में पड़ने से बचें, नहीं तो मान-हानि हो सकती है.