ज्योतिष की मानें तो विश्वकर्मा पूजा के दिन अगर आप सही विधि और सही सामग्री के साथ पूजा करेंगे तो इससे आपकी सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं. यहां जानिए विश्वकर्मा पूजा के लिए जरूरी सामग्री.
हर साल विश्वकर्मा जयंती पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाई जाती है. इस साल यह त्योहार 17 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी. ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था, जो सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के सातवें पुत्र माने जाते हैं. भगवान विश्वकर्मा को संसार का पहला इंजीनियर और वास्तुकार माना जाता है. इसलिए इस दिन को खास महत्व दिया जाता है और विशेष रूप से मशीनों, औजारों, कारखानों और दुकानों में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है।
भगवान विश्वकर्मा को यंत्रों और निर्माण कार्यों का देवता माना जाता है. उनके आशीर्वाद से मशीनें सुचारू रूप से चलती हैं और व्यापार में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं. इसलिए यह मान्यता है कि सही विधि और सामग्री के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है और तरक्की होती है.
विश्वकर्मा पूजा विधि
इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं. सबसे पहले सुबह स्नान कर पूजा स्थल को शुद्ध करने के लिए गंगाजल का छिड़काव करें. फिर एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर उस पर कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं. पूजा की शुरुआत भगवान गणेश के स्मरण से करें और फिर भगवान विश्वकर्मा की पूजा शोडशोपचार विधि से करें. इस विधि से पूजा करने से कार्यों में उन्नति होती है और भगवान की कृपा प्राप्त होती है.
पूजन सामग्री
भगवान विश्वकर्मा की पूजा के लिए कुछ खास सामग्रियों की जरूरत होती है. इनमें सुपारी, हल्दी, रोली, लॉन्ग, पीला अश्वगंधा, पीला कपड़ा, लकड़ी की चौकी, मौली, नवग्रह, जनेऊ, मिट्टी का कलश, इत्र, इलायची, सूखा गोला, अक्षत, नारियल, फूल, फल, मिठाई, धूपबत्ती, कपूर, देसी घी, हवन कुंड, आम की लकड़ी, दही और खीरा शामिल हैं. इन सभी सामग्रियों से विधिवत पूजा करने से भगवान विश्वकर्मा प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से व्यापार और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है.