हाई कोर्ट ने गंगा रक्षा के लिए बलिदान दे चुके पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल ऊर्फ ज्ञानस्वरूप सानंद का पार्थिव शरीर आठ घंटे में मातृ सदन भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही 76 घंटे तक मातृ सदन में अंतिम दर्शन के लिए रखने के आदेश भी दिए ।
गौरतलब है कि गंगा रक्षा के लिए प्रभावी कानून बनाने और गंगा की अविरलता को लेकर 113 दिनों से तप (अनशन) कर रहे स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद (प्रोफेसर गुरुदास अग्रवाल) ने 11 अक्टूबर को देह त्याग दी थी। उन्होंने अपना शरीर मेडिकल छात्रों के लिए दान कर दिया था। इस पर एम्स प्रशासन ने सानंद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन की किसी को अनुमति नहीं दी थी।
फिलहाल पार्थिव शरीर एम्स ऋषिकेश में है। हरिद्वार निवासी व जीडी अग्रवाल के अनुयायी डॉ. विजय वर्मा ने याचिका दायर कर कहा था कि अंतिम दर्शन भी नहीं करने दिए जा रहे हैं। याचिका में हिन्दू रीति रिवाज के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की अनुमति भी मांगी थी।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजीव शर्मा व न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद आठ घंटे के भीतर शव अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश से शव मातृसदन भेजने के आदेश पारित किए।