आज यानि 14 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी मनाई जा रही है. इसे वामन एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की कथा सुनने और पढ़ने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं.
परिवर्तिनी एकादशी आज यानि 14 सितंबर, शनिवार को मनाई जा रही है. परिवर्तिनी एकादशी को वामन एकादशी भी कहा जाता है. इस पावन दिन पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना का महत्व है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने और भगवान विष्णु की कथा सुनने से व्यक्ति के सभी पाप मिट जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है. इस दिन कथा पढ़ना या सुनना अत्यंत लाभदायक माना जाता है. यहां पढ़ें परिवर्तिनी एकादशी की व्रत कथा.
प्राचीन काल में एक नगर में एक ब्राह्मण अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था. वह ब्राह्मण बहुत धार्मिक और पुण्यात्मा था, लेकिन उसकी आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी. उसके पास साधनों की कमी थी, जिसके कारण वह गरीबी में जीवनयापन कर रहा था. उसकी पत्नी भी धर्मपरायण और पवित्र विचारों वाली महिला थी, जो सदैव धार्मिक कार्यों में रुचि रखती थी.
एक दिन ब्राह्मण की पत्नी ने उसे सलाह दी कि वह परिवर्तिनी एकादशी का व्रत करें. उसने अपने पति को बताया कि इस व्रत को करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के जीवन से सभी दुख और परेशानियां समाप्त हो जाती हैं. साथ ही, इस व्रत के प्रभाव से समृद्धि और सुख-शांति का भी आगमन होता है. ब्राह्मण ने अपनी पत्नी की बात मान ली और इस व्रत को पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ करने का निश्चय किया.
व्रत के दिन ब्राह्मण ने उपवास किया और रात भर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना में लीन रहा. उसने व्रत के सभी नियमों का पालन किया, जैसे शुद्धता बनाए रखना, भगवान की आराधना करना और भक्ति में डूबे रहना. उसकी भक्ति और समर्पण को देखकर भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए और रात में उसे दर्शन दिए. भगवान विष्णु ने ब्राह्मण से कहा कि उसकी भक्ति और व्रत के प्रभाव से उसके जीवन के सभी पाप समाप्त हो जाएंगे और उसकी गरीबी भी जल्द ही दूर हो जाएगी.
भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ब्राह्मण की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने लगा. उसकी गरीबी समाप्त हो गई और वह एक समृद्ध व्यक्ति बन गया. उसने इस व्रत की महिमा और भगवान विष्णु की कृपा की बात पूरे नगर में फैलाई और सभी लोगों को इस व्रत को करने के लिए प्रेरित किया.
परिवर्तिनी एकादशी का महत्व
परिवर्तिनी एकादशी व्रत को करने से जीवन के सभी कष्ट और पाप समाप्त होते हैं. यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो आर्थिक तंगी या जीवन में किसी अन्य प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं. भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है.