देवी लक्ष्मी के मंत्रों में इतनी शक्ति है कि ये आपकी आर्थिक तंगी को पलक झपकते ही दूर कर सकते हैं. आज से महालक्ष्मी व्रत शुरू हो चुके हैं. अगर आप शाम के समय इन मंत्रों का जाप करेंगे तो आपको इसका लाभ भी जल्द मिलेगा.
महालक्ष्मी माता धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नियमित मंत्र जाप से व्यक्ति के जीवन में धन और संसाधनों की वृद्धि होती है. आर्थिक समस्याओं का समाधान मिलता है और महालक्ष्मी माता की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार होता है. यह मंत्र बुरी ऊर्जा और नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. आत्मिक शांति और संतुलन के लिए भी जातक इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं.
महालक्ष्मी सुलभ मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
धनलक्ष्मी मंत्र
ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
दिव्य महालक्ष्मी मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:.. पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम् .. ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट..
महालक्ष्मी मंत्र जाप की विधि
जब आप ये मंत्र जाप शुरू करें तो उस दौरान स्थल और समय का ध्याल रखें. सुबह का समय, विशेषकर शनिवार या शुक्रवार, महालक्ष्मी पूजा के लिए सबसे उत्तम होता है. स्वच्छ और शांत स्थान पर पूजा करें. पूजा से पहले स्नान करना और स्वच्छ वस्त्र पहनना बहुत ही जरूरी होता है. पूजा स्थल को स्वच्छ करके वहां एक आसन बिछाएं और फिर देवी महालक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को पूजा स्थल पर स्थापित करें. दीपक जलाएं और देवी को पुष्प अर्पित करने के बाद आप निर्धारित संख्या में मंत्रों का जाप करें. प्रतिदिन 108 बार जाप करना श्रेष्ठ माना जाता है, लेकिन आप अपनी सामर्थ्य के अनुसार जाप की संख्या तय कर सकते हैं.