जापान की आबादी तेजी से हो रही बूढ़ी, वीजा नियमों में बदलाव को लोग ब्रीडिंग वीजा का नाम दे रहे हैं. इसका लक्ष्य कामगारों की संख्या को बढ़ाना है.
जापान की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है. ऐसे में काम करने लायक जवान लोगों की काफी कमी हो रही है. इस कमी से निपटने को लेकर जापान ने अपने वीजा नियमों में बदलाव किया है. सोशल मीडिया पर कई लोग इसे ब्रीडिंग वीजा का नाम दे रहे हैं. इसमें कहा जा रहा है कि जापान आओ और बच्चे पैदा करो…. ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे कई सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर लोग इसे शेयर कर रहे हैं. उनका दावा है कि अब दुनियाभर से पुरुष जापान जाएं और वहां की आबादी बढ़ाने में सहायता करें. हालांकि उनका यह दावा पूरी तरह से गलत है. जापान ने फॉर्नर्स वर्किंग वीजा नियमों में बदलाव किया है. मगर इसका उद्देश्य कामगारों की संख्या को बढ़ाना है.
जापान ने बदला वीजा का नियम
जापान की स्थानीय समाचार एजेंसी ने इस वर्ष अप्रैल में बताया कि जापान ने अपने विदेशी कर्मचारी वीजा कार्यक्रम में बदलाव किया है. इसके साथ जापानी सरकार का लक्ष्य देश में कामगारों की कमी को पूरा करने को लेकर पांच साल तक का विस्तारित प्रवास प्रदान करना है.
कहां से शुरू हुआ ब्रीडिंग वीजा
यह खबर 1 अप्रैल यानी फूल्स डे वाले दिन सामने आई. ऐसे में यहां की समाचार एजेंसी ने मजाकिया अंदाज में इस पर खबर को बनाते हुए इसे ब्रीडिंग वीजा का नाम दिया. यहीं से मजाक के रूप में कहे गए इस झूठ के पंख लग गए. अब सितंबर आने तक यह खबर दुनियाभर के सोशल मीडिया पर दिख रही है.
वैसे जापान में हाल के वर्षों में विदेशी श्रमिकों की मांग में काफी तेजी आई है. इसके कई कारण हैं, मगर इनमें से एक प्रमुख कारण जन्मदर में गिरावट बताया गया है. ऐसे में जापानी सरकार इस वर्ष अप्रैल से लेकर अगले पांच वित्तीय वर्षों तक कुशल श्रमिक वीजा कार्यक्रम के तहत 820,000 विदेशियों को प्रवेश देने का इरादा रखती है.