शहर के जोड़ा फाटक के समीप रेल हादसे के बाद मिली सिर कटी लाश पुलिस के लिए पहेली बन गई है। इसको लेकर पुलिस के सामने उस समय विकट स्थिति उत्पन्न हो गई जब तीन परिवारों ने इस शव पर अपना दावा ठोक दिया। इस स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने जब डीएनए टेस्ट करवाने की बात कही तो सभी ने डीएनए करवाने से हाथ खड़े कर दिए।
दरअसल, हादसे में मारे गए लोगों के में से एक व्यक्ति की लाश बिना सिर के मिली थी। जीआरपी पुलिस ने ट्रैक से धड़ बरामद करके ट्रैक के आसपास सिर की बहुत तलाश की लेकिन सिर नहीं मिला। मारे गए व्यक्ति के कपड़ों से कोई ऐसा दस्तावेज या मोबाइल भी नहीं मिला जिससे उनकी पहचान हो सके। इसके बाद पुलिस ने इस लाश को सुरक्षित रखवा दिया था।
बताया गया है कि हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि की घोषणा होने के बाद इस सिर कटी लाश पर दावेदारी करने के लिए तीन लोग थाना जीआरपी आए थे। पहला शख्स प्रीतम सिंह नामक व्यक्ति था। उसने कहा कि यह शव उसके रिश्तेदार का है। चूंकि मामला संवेदनशील था और प्रीतम सिंह ऐसा कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाया जिससे साबित हो कि वह उसका रिश्तेदार है, इसलिए पुलिस ने डीएनए टेस्ट करवाने की बात कही। यह सुनकर प्रीतम सिंह वहां से खिसक गया।
इसके बाद एक महिला ने थाने में आकर अपने पति का शव होने की बात कही। पुलिस पूछताछ में वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। थाने में एक और शख्स आया जिसने इसे अपने चचेरे भाई का शव बताया।
उधर, पुलिस के अनुसार इस धड़ का वारिस कौन, यह जानने के लिए सिरकटी लाश को सरकारी मेडिकल कॉलेज स्थित फॉरेंसिक विभाग से डीएनए सैंपल लेकर इसे सुरक्षित रखा गया है।
इस शव पर दावेदारी करने वाले का भी डीएनए सैंपल लेकर मैच करवाया जाएगा। जीआरपी के एसएचओ बलबीर सिंह घुम्मन ने बताया कि बिना डीएनए टेस्ट के इस लाश को किसी के हवाले नहीं किया जा सकता।
कांग्रेसी नेता मिट्ठू मदान के घर की पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
जोड़ा फाटक के समीप रेल हादसे के बाद जिला पुलिस ने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के परिवार के करीबी कांग्रेसी नेता सौरभ मदान उर्फ मिट्ठू मदान के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है। उसके घर के बाहर हथियारबंद सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए हैैं।
आशंका जताई जा रही है कि शरारती तत्व मिट्ठू मदान को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हालांकि डीसीपी अमरीक सिंह पवार ने बताया कि मिट्ठू को निजी तौर पर सुरक्षा कर्मी मुहैया नहीं करवाए गए हैैं। लेकिन मंगलवार रात घर लौटने के बाद मिट्ठू पंजाब पुलिस की सुरक्षा के घेरे में है। उधर, ये भी बताया जा रहा है कि बुधवार को मीडिया से बात करने के बाद हमले की आशंकाओं के चलते मिट्ठू ने एक बार फिर से अपना घर छोड़कर किसी नजदीकी के घर में शरण ले ली है। उसे इस बात का डर है कि मारे गए लोगों के परिजन या शरारती तत्व भीड़ का रूप लेकर उसके घर पर हमला कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी सुरक्षा के नजरिए से मिट्ठू को अपने घर पर ठहरने से मना किया है। पुलिस अधिकारियों के आदेश पर मंगलवार की शाम को डेढ़ दर्जन के करीब पुलिस मुलाजिमों को तहसीलपुरा स्थित मिट्ठू के घर के बाहर तैनात कर दिया गया था। रामबाग थाने की पुलिस की अगुआई में एक सब इंस्पेक्टर पुलिस उच्च अधिकारियों को स्थिति से अवगत करवा रहा है।