पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI को लेकर अमेरिका के पूर्व NSA ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने पड़ोसी देश को आतंकियों की सुरक्षति पनाहगाह बताया है.
: पाकिस्तान की हरकतों से पूरी दुनिया वाकिफ है. कई देशों ने उसे आतंकी देश घोषित कर रखा है. वहीं अब अमेरिका की ओर से भी एक बड़ा बयान सामने आया है. यह बयान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एचआर मैकमास्टर ने दिया है. उन्होंने पाकिस्तान की पोल खोल दी है. पाक की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) का आतंकी चेहरा सामने रखा है.
मैकमास्टर के अनुसार, इसमें किसी तरह का संदेह नहीं है कि आतंकी संगठनों के साथ आईएसआई (ISI) की मिलीभगत रही है. उन्होंने कहा कि अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान व्हाइट हाउस को पाकिस्तान के लिए सुरक्षा सहायता को लेकर विदेश विभाग और पेंटागन के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था.
ट्रंप कार्यकाल में एनएसए बने थे मैकमास्टर
मैकमास्टर ट्रंप के कार्यकाल में रहे हैं. वे 20 फरवरी, 2017 से नौ अप्रैल, 2018 तक अमेरिकी एनएसए रह चुके हैं. 62 वर्षीय मैकमास्टर ने अपनी पुस्तक ‘एट वार विद अवरसेल्व्स: माई टूर आफ ड्यूटी इन द ट्रंप व्हाइट हाउस’ में कई अहम जानकारी दी है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाह देना बंद के साथ सभी मदद को रोकने का निर्देश दिया था.
किताब में कई तरह के राज खुले
इसके बाद भी उस समय के रक्षा मंत्री जिम मैटिस इस्लामाबाद को सैन्य सहायता देने की योजना तैयार कर रहे थे. इसमें 15 करोड़ डालर से ज्यादा मूल्य के बख्तरबंद वाहन थे. हालांकि उनके हस्तक्षेप के बाद सहायता को रोक दिया गया. पूर्व एनएसए ने पुस्तक में लिखा कि पाकिस्तान अपना बर्ताव नहीं बदल रहा था.
किताब में लिखा है कि मैटिस की यात्रा से पहले पाकिस्तान ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को रिहा किया था. इसके साथ पाकिस्तान में बंधको से जुड़ी एक घटना ने आतंकियों के साथ आईएसआई की मिलीभगत को भी सामने रखा.