Russia-Ukraine War: यूक्रेन अगर 3 साल से रूस के सामने जंग के मैदान में डटा है तो उसकी एक बड़ी वजह चेचेन फाइटर भी हैं. आइए जानते हैं कि कैसे ये फाइटर युद्ध में यूक्रेन की ताकत बन गए?
लगभग तीन साल से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है. जो यूक्रेन रूस की ताकत के सामने कहीं भी नहीं ठहरता है वो पश्चिमी देशों की मदद से युद्ध में अभी तक डटा हुआ है. मगर रूस को यूक्रेन ने जितने भी जख्म दिए हैं, उसकी एक बड़ी वजह चेचेन लड़ाके (Chechen Fighters) भी हैं, जो जंग के मैदान में यूक्रेन की बड़ी ताकत बने हुए हैं. आप सोच रहे होंगे कि चेचेन्या तो रूस का समर्थक है और वहां के राष्ट्रपति रमजान कादिरोव रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर समर्थक हैं.
पुतिन की कादिरोव से अपील
यूक्रेन के खिलाफ जंग में रमजान कादिरोव रूस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं. चंद रोज पहले पुतिन कादिरोव से मिलने भी पहुंचे थे. रमजान कादिरोव ने पुतिन की अपील पर अपनी स्पेशल फोर्स के 40 हजार लड़ाकों को रूस की तरफ से लड़ने के लिए रूस भेजने की बात भी कही थी. कादिरोव की स्पेशल फोर्स के लड़ाके बेहद खूंखार हैं और अपनी क्रूरता और रणनीतिक युद्ध कौशल के बूते किसी भी जंग का नक्शा पलटने की ताकत रखते हैं. सवाल ये कि जब चेचेन फाइटर रूस की तरफ से लड़ रहे हैं तो वो यूक्रेन की ताकत कैसे बने हुए हैं.
यूक्रेन की ताकत कैसे बने चेचेर फाइटर?
दरअसल, जब सोवियत संघ से टूटकर चेचेन्या अलग हुआ और बाद में रूस ने उस पर कब्जे के लिए हमला किया तो वहां दो धड़े बन गए. एक धड़ा रमजान कादिरोव की अगुवाई में रूस के साथ खड़ा हो गया जबकि दूसरा धड़ा स्वतंत्र चेचेन्या के लिए रूस के खिलाफ हो गया. रूस के खिलाफ हुआ वही धड़ा आज यूक्रेन के साथ जंग के मैदान में पुतिन के खिलाफ लड़ रहा है. चेचेन लड़ाकों के एक गुट के नेता रमजान कादिरोव हैं, तो दूसरा गुट जो यूक्रेन की तरफ से लड़ रहा है. उसके नेता अहदम जकाएव हैं.
पहले भी दे चुके हैं यूक्रेन का साथ
कुछ दिन पहले इसी चेचेन बटालियन का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें इस बटालियन के लड़ाकों ने रूसी सेना के एक ट्रक को निशाना बनाया था. अंधाधुंध फायरिंग कर रूसी सेना के इस ट्रक को और उसमें सवार रूसी सैनिकों को धराशाई कर दिया गया था. ये पहली बार नहीं है. जब ओबोन स्पेशल फोर्स के जवान यूक्रेन का साथ दे रहे हैं. 2014 की जंग में भी इन लड़ाकों ने यूक्रेन का साथ दिया था.