पुलिस ने बताया कि मियांवली के कालाबाग शहर में शिया और सुन्नी मुस्लिमों की मौत हो गई. हिंसा सोमवार को शुरू हुई और मंगलवार रात चली. घटना का कारण बताते हुए पुलिस ने कहा कि हिंसा तब बढ़ी जब शिया समुदाय ने इमाम हुसैन के चेहल्लुम के मौके पर जुलूस निकालने की योजना तैयार की. जुलूस के एक खास रास्ते का सुन्नी समुदाय ने विरोध किया. पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि सुन्नी समुदाय की आपत्ति थी कि शिया के जुलूस को ऐसे मार्ग से निकलने की अनुमति न दें, जहां उनकी मस्जिदें हैं. वहीं, शिया किसी पाबंदी की चिंता किए बिना जुलूस निकालने पर अड़ गए.
सुन्नी लोगों ने सबसे पहले चलाई गोली
पुलिस ने आगे बताया कि दोनों ही समुदाय समझने को तैयार नहीं था. इस वजह से हिंसा हो गई. झड़प मंगलवार रात तक जारी रही. झड़प में 33 लोग घायल हो गए. घायलों में शामिल दो शिया लोगों की मौत हो गई. चार लोगों की हालत अब भी गंभीर है. अर्धसैनिक बलों को स्थिति पर काबू पाने के लिए तैनात किया गया है.
पुलिस-अर्धसैनिक बल तैनात
पुलिस का कहना है कि सुन्नी समुदाय के मर्दों ने जुलूस पर गोलीबारी, जिससे झड़प शुरू हुई. घायलों में अधिकतर शिया समुदाय के लोग हैं. पंजाब पुलिस के महानिदेशक उस्मान अनवर ने इलाके में चार लोगों के साथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया. अर्धसैनिक रेंजर्स और पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम कर रही है. शांति बनाए रखने के प्रयास हो रहे हैं.