अंतरिक्ष से कैसे होगी सुनीता विलियम्स की वापसी? अब NASA लेगा आखिरी फैसला, चुन सकता इन दो में से एक विकल्प!

अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के सामने सुनीता विलियम्स की वापसी के लिए अब क्या विकल्प हैं, उसका नया प्लान क्या है और इसमें क्या क्या खतरा है. हालांकि, NASA सुनीता की वापसी पर शनिवार को आखिरी फैसला ले सकता है.

Sunita Williams News: भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स की वापसी कब और कैसे होगी इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है. ऐसे में अमेरिकी स्पेस सिस्टम के पूर्व कमांडर रूडी रिडोल्फी की एक चेतावनी ने टेंशन और भी बढ़ा दी है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA के सामने सुनीता विलियम्स की वापसी के लिए अब क्या विकल्प हैं, उसका नया प्लान क्या है और इसमें क्या-क्या खतरे हैं. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, NASA सुनीता विलियम्स की वापसी पर कल यानी शनिवार को आखिरी फैसला ले सकता है.

5 जून 2024 से अंतरिक्ष में फंसी सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी कब और कैसे होगी इसका जवाब किसी के पास नहीं है. खुद अमेरिका भी बार-बार नई डेडलाइन दे रहा है. ऐसे में सुनीता और उनके साथी बुच विल्मोर का इंतजार लगातार लंबा हो रहा है. बीते दिनों एक रिपोर्ट में कहा गया कि सुनीता और विल्मोर को वापस लाने में 8 महीने और लग सकते हैं यानी फरवरी 2025 तक उन्हें स्पेस में ही रहना पड़ सकता है.

खतरनाक है स्टाइलाइनर से वापसी

फिलहाल नासा की ओर से इस पर पर मंथन किया जा रहा है कि क्या सुनीता और वेल्मोर को खराब स्टारलाइनर में ही बने रहना चाहिए. इस विकल्प पर गंभीरता से इसलिए चर्चा हो रही है क्योंकि पूर्व अमेरिकी सैन्य स्पेस सिस्टम कमांडर रूडी रिडोल्फी ने दावा किया है कि अगर दोनों बोइंग स्टाइलानर से वापसी की कोशिश करते हैं तो हालात बहुत खराब हो सकते हैं और उनकी जान को भी खतरा हो सकता है.

सुनीता की वापसी में संभावित खतरे

रूडी की इस चेतावनी के बाद NASA के सामने चुनौती बढ़ गई है. सुनीता और वेल्मोर की वापसी को को लेकर संकट गहराने लगा है. इसकी बड़ी वजह है रूडी रिडोल्फी की ओर से जताई जा रही आशंका. दरअसल रिडोल्फी ने उनकी वापसी के दौरान होने वाले तीन खतरे बताए हैं.

  • पहला खतरा–  अगर बोइंग स्टारलाइनर का कैप्सूल गलत एंगल से पृथ्वी में प्रवेश करने की कोशिश करता है तो वो वायुमंडल से टकराकर वापस अंतरिक्ष की तरफ चला जाएगा और एस्ट्रोनॉट्स इसके बाद स्पेस में ही फंसे रह सकते हैं.

  • दूसरा खतरा-  कैप्सूल सही एंगल पर नहीं रखा तो हीट शील्ड फेल हो सकती है हीट शील्ड फेल होने पर ओवरहीटिंग होगी और भाप बनने पर एस्ट्रोनोट्स की जान भी जा सकती है.

  • तीसरा खतरा-  वापसी के वक्त स्पेसक्रॉफ्ट का थ्रस्टर फेल हुआ तो मामला बेहद गंभीर हो जाएगा और एस्ट्रोनोट्स के पास महज 96 घंटे की ऑक्सीजन बचेगी.

सुनीता की वापसी के विकल्प

रूडी रिडोल्फी ने जिन खतरों का जिक्र किया है उससे ये तो साफ है कि जरा सी लापरवाही सनीता और वेल्मोर की जान पर भारी पड़ सकती है, इसीलिए अब वापसी के नए विकल्प भी तलाशे जा रहे हैं. खुद रूडी रिडोल्फी ने कुछ सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा है कि नासा को स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन कैप्सूल के साथ रेस्क्यू मिशन लॉन्च करने के बारे में सोचना चाहिए.

रूडी रिडोल्फी का मानना है कि ये सबसे सुरक्षित उपायों में से एक है. उन्होंने नासा हर तरह के जोखिम ध्यान में रखकर ही एस्ट्रोनोट्स की वापसी के लिए प्लान बनाने को कहा है ताकि उनकी जान को खतरा ना हो. हालांकि, गुजरते वक्त के साथ ही परेशानियां भी बढ़ रही हैं. उधर दोनों एस्ट्रोनॉट्स की वापसी को लेकर चिंताएं भीं.

अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में ये भी दावा किया जा रहा है कि NASA अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए सितंबर में एक अभियान लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी के लिए फिलहाल तीन विकल्प हैं.

  • पहला विकल्प- NASA अपने पुराने कॉमर्शियल पार्टनर Spacex के ड्रैगन-2 कैप्सूल को नए रॉकेट से अंतरिक्ष में भेजे.
  • दूसरे विकल्प- अमेरिका अपने एस्ट्रोनोट्स को बचाने के लिए रूस से बात करे रूस सोयुज स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में भेजकर एस्ट्रोनोट्स को लाए.
  • तीसरा विकल्प- स्पेस में फंसे स्टारलाइनर से ही दोनों की वापसी कराई जाए और हर तरह की सावधानी बरती जाए.

NASA लेगा आखिरी फैसला!

हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट ये भी आई हैं कि सुनीता विलियम्स का वापसी के लिए NASA नई प्लानिंग बना रहा है, जिस पर आज मुहर लग सकती है. दोनों एस्ट्रोनॉट्स की वापसी के लिए NASA स्टारलाइनर या ड्रैगन कैप्सूल में से एक को चुन सकती है. इस लेकर नासा अपना अंतिम फैसल कल यानी शनिवार को ले सकता है. उम्मीद है कि नासा की ये नई प्लानिंग कामयाब होगी और सुनीता विलियम्स की धरती पर वापसी हो पाएगी.

बता दें कि सुनीता विलयम्स को अंतरिक्ष में फंसे हुए 2 महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है. वापसी को लेकर अब तक की तमाम कोशिशें फेल हो चुकी हैं. खतरा भी लगातार बढ़ रहा है. स्पेस में लंबे समय तक रहने की वजह से कई तरह की बीमारियों की भी आशंका रहती है. ऐसे में सवाल यही है कि उनकी वापसी के लिए अमेरिका अब क्या कदम उठाएगा.

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