चीन ने डिफेंस टेक्नोलॉजी में दुनिया को अपनी धमक दिखाई है. चीन चाहता है कि पूरी दुनिया में उसका डंका बजे. आइए जानते हैं ड्रैगन ने किसी भी टकराव की स्थिति में अमेरिका को मात देने के लिए क्या प्लान तैयार किया है.
China News: चीन ने डिफेंस टेक्नोलॉजी में दुनिया को अपनी धमक दिखाई है. चीन चाहता है कि पूरी दुनिया में उसका डंका बजे. उसने ऐसा कदम उठाया है, जो अमेरिका को चुनौती देने वाला है. उसने हैरान कर देने वाले हथियार तैयार किए हैं, जो अमेरिका-भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई अन्य मुल्कों के लिए चिंता का सबब बन सकते हैं. चीन के इन हथियारों की वजह से हथियार बनाने में अग्रणी माने जाने वाले भी अमेरिका और रूस भी घबरा गए हैं. आइए जानते हैं कि ड्रैगन ने अमेरिका को मात देने के लिए क्या प्लान तैयार किया है.
वैसे तो चीन अपने इनोवेशन, कंस्ट्रक्शन और टेक्नोलॉजी से दुनिया को हमेशा से ही हैरान करता आया है, लेकिन उसके इस विकास के पीछे उसकी विस्तारवादी सोच कई देशों के लिए खतरा बन रही है. चीन का भारत, ताइवान, तिब्बत और अमेरिका समेत कई दलों को साथ टकराव रहता है. चीन अपनी सैन्य ताकत को लगातार बढ़ा रहा है, इसी कदम में उसने दो घातक हथियार बनाए हैं. ऐसे में भारत-अमेरिका समेत अन्य मुल्कों को भी चीन की इन हरकतों पर नजर रखनी चाहिए और खुद की रक्षा जरूरतों को विकसित करने पर जोर देने चाहिए.
1- हाइपरसोनिक कूलिंग टेक्नोलॉजी
चीन ने हाल ही में हाइपरसोनिक कूलिंग टेक्नोलॉजी को सफलतापूर्वक विकसित किया है. इसकी मदद से चीन के विमान और मिसाइलें दुनिया में मौजूद सभी विमानों और मिसाइलों से तेज रफ्तार से चल सकेंगी. अगर चीन इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल मिसाइलों में करता है, तो उसकी मिसाइलें ज्यादा दूरी पर और ज्यादा तेजी के साथ अटैक कर सकेंगी. मिसाइल प्रणाणियों में हावी होने की दौड़ में चीन की ये लंबी छलांग है. उसके इस कदम से साबित होता है कि ड्रैगन को कैसे दुनिया का बेताज बादशाह बनने की सनक सवार है.
जबरदस्त बढ़ेगी मिसाइलों की क्षमता
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हाइपरसोनिक कूलिंग डिवाइस एक समय में ढाई घंटे तक काम कर सकती है.
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ये डिवाइस लंबी दूरी और उच्च गति से चलने वाले विमानों-मिसाइलों के लिए उपयोगी.
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इस टेक्नोलॉजी के बाद चीन की हाइसोनिक मिसाइलों की जद में दुनिया होगी.
2- चीन ने विकसित किए खतरनाक लेजर हथियार
हाइपरसोनिक कूलिंग सिस्टम के अलावा चीन खतरनाक लेजर हथियार भी विकसित किए हैं, जो पलक झकपते ही दुश्मन को तबाह करने की क्षमता रखते हैं. चीन इन घातक लेजर हथियारों को अपने युद्ध पोतों में लगाने के लिए कमर कस चुका है. ऐसा होती है चीन की नौसेना को काफी ताकत मिलेगी. चीन के इस तरह के खतरनाक हथियार विकसित करना प्रशांत महासागर क्षेत्र में तनाव को बढ़ावा दे सकता है. हालिया एक रिपोर्ट में बताया गया था कि चीन ने टाइप 071 परिवहन डॉक में लेजर हथियारों को लगाया है.
अमेरिका को मात देने का ड्रैगन का प्लान?
मौजूदा समय में चीन को सबसे ज्यादा चुनौतियां अमेरिका से मिलती है. फिर चाहे तिब्बत का मामला हो या फिर ताइवान का, अमेरिका चीन के रास्ते में अड़ंगा लगाता है. इसके अलावा साउथ चाइना सी में अमेरिका चीन के दबदबे को चुनौती देता है. ऐसे में चीन की इन घातक हथियारों को बनाने के पीछे किसी भी टकराव किसी स्थिति में अमेरिका को मात देने की तैयारी के रूप में देखा जा सकता है. अमेरिका भी लंबे समय से हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में लगातार अपनी क्षमताओं को विकसित करने में लगा हुआ है. उसे कुछ सफलताएं भी मिली हैं, लेकिन चीन ने हाइपर सोनिक डिवाइस को डेवलप कर अमेरिका को कड़ी टक्कर देने का काम किया है.