क्या होता है डर्टी बम, रूस में गिराने की तैयारी में यूक्रेन, भड़के पुतिन… क्या होगा WWIII?

: यूक्रेन ने रूस में डर्टी बम को गिराने का प्लान बनाया है, जिससे रूसी राष्ट्रपति पुतिन भड़क गए. रूस नाटो बॉर्डर पर बॉम्बर विमान भेज दिया है, तो क्या यूक्रेन का डर्टी बम कराएगा WWIII?

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग जारी है. रूसी इलाके कुर्स्क (Kursk) यूक्रेनी सेना कहर बरपा ही है. उसने इलाके में काफी जगह पर कब्जा भी जमा लिया है. अब यूक्रेनी सेना ने कुर्स्क में ऐसा कुछ गया है, जिससे रूस सकते में आ गया है. यूक्रेन ने रूस के रणनीतिक रूप से अहम माने वाले दो पुलों पर मिसाइलों से हमला कर उड़ा दिया. युद्ध में बढ़त बनाता दिख रहा यूक्रेन अब और भी आक्रामक रूख अपनाने जा रहा है. उसने रूस में डर्टी बम को इस्तेमाल करने का प्लान बनाया है, जिससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भड़क गए और फिर रूस नाटो बॉर्डर पर अपना बॉम्बर विमान भेज दिया है, तो क्या यूक्रेन का डर्टी बम कराएगा तीसरा विश्व युद्ध?

यूक्रेन ने तबाह किए रूसी पुल

रूस का कुर्स्क इलाका इस वक्त यूक्रेनी मिसाइलों और ड्रोन हमलों से दहल रहा है. वहीं, रूसी सेना भी करारा पलटवार कर रही है. हालांकि, यूक्रेनी सेना कुर्स्क के ग्लुसकोवो इलाके में सीम नदी पर बने पुल पर हमला करके उसे तबाह कर दिया है. इस हमले का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें देखा जा सकता है कि पुल पर किस तरह जोरदार मिसाइल हमला हुआ. हमले के कुछ ही सेकेंड में विशाल पुल दो टुकड़ों में बिखर गया और नदी में समा गया.

यहां देखें- रूसी पुल पर हमले का वीडियो

जानकारी के मुताबिक, यूक्रेनी सेना ने रूस के इस पुुल पर हमले के लिए ATACMS मिसाइल या फिर JDAM गाइडेड बम का इस्तेमाल किया है, क्योंकि हमला इतना भीषण था कि पुल के परखच्चे उड गए. यूक्रेन ने जिस पुल को उड़ाया है. उससे कुर्स्क के बड़े इलाके से रूसी सेना का संपर्क कट गया है और यहां यूक्रेनी सेना ने बढ़त बना ली है.  युद्ध में पहले यूक्रेन को कमजोर माना जा रहा था, लेकिन अभी कुर्स्क इलाके में जैसे तबाही मचा रहा है, उससे तो तस्वीर बिल्कुल उलट ही दिख रही है और वो रूसी सेना पर भारी पड़ता हुआ दिखता है.

रूसी ने भी झोंकी पुरी ताकत

रूस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन ने 15 और 16 अगस्त को क्रीमिया ब्रिज पर भी हमला किया है. 12 ATACMS मिसाइलों से ब्रिज को निशाना बनाया, लेकिन रूस के मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने ATACMS मिसाइलों को मार गिराया. यूक्रेन का UAV और नेवल ड्रोन हमला भी नाकाम किया गया है. रूस ने यूक्रेन की ओर से किए जा रहे भीषण हमलों को रोकने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. कुर्स्क के कोमारोवका इलाके में रूस की सेना के सामने यूक्रेन की सेना के एक और यूनिट ने सामूहिक रूप से सरेंडर कर दिया है. इस तरह रूसी सेना भी यूक्रेन को करारा जवाब दे रही है.

डर्टी बम को कहां गिरा सकता है यूक्रेन?

रूस की सेना ने दावा किया है कि यूक्रेन के जिन सैनिकों को कुर्स्क और खार्कोव में बंदी बनाया गया है. उन्होंने बड़ा खुलासा किया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन ने रूस के न्यूक्लियर प्लांट पर डर्टी बम से हमले का प्लान बनाया है. कुर्स्क और जापोरोजे न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बना सकता है. हमले को अंजाम देने के लिए तैयार किए गए स्पेशल वॉरहेड पहले ही निप्रॉपेट्रोस इलाके में पहुंचा दिए गए हैं. डर्टी बम की खबरें रूस और यूक्रेन जंग के बीच कई बार आई हैं. रूस ने साल 2022 में भी दावा किया था, लेकिन इस बार क्योंकि यूक्रेन ने रूसी इलाके में घुसकर हमला किया तो इस दावे में विश्व युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है. आखिर ये डर्टी बम क्या होता है ये भी समझ लीजिए.

क्या होता है डर्टी बम?

डर्टी बम एक ऐसा हथियार है, जिसमें यूरेनियम जैसे रेडियोएक्टिव पदार्थ होते हैं. जो धमाके के साथ हवा में बिखर जाते हैं. इन हथियारों का मकसद सिर्फ खतरनाक रेडिएशन को फैलाना होता है. इसमें परमाणु बम की तरह बहुत ज्यादा शुद्ध रेडियोएक्टिव सामग्री की जरूरत नहीं होती, इसलिए डर्टी बम बनाना परमाणु हथियारों की तुलना में सस्ता होता है.

डर्टी बम का इस्तेमाल किसी भी जगह पर कभी भी किया जा सकता है. कार में बम धमाका करके इसका रेडिएशन फैलाया जा सकता है, इसलिए जो दावा रूस ने किया है वो बेहद खौफनाक है. यूक्रेन का रूस पर डर्टी बम इस्तेमाल करने का खुलासा होने से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भड़क गए हैं. रूस ने अपने परमाणु बॉम्बर विमान नाटो की सीमा पर भेज दिया है.

रूस ने नाटो सीमा पर भेजे विमान

जानकारी के मुताबिक, रूस ने अपने दो TU-95MS परमाणु बॉम्बर विमान बेरेंट सागर और नॉर्वेजियन सागर के पास तैनात कर दिए हैं जबकि दो TU-22M3 परमाणु बॉम्बर बाल्टिक सागर के पास तैनात कर दिए हैं. रूस के ये परमाणु बॉम्बर विमान बेहद घातक माने जाते हैं और दुश्मन के इलाके में बारूद की चादर बिछा सकते हैं.

हालांकि, रूस ने इसे बॉम्बर की एक्सरसाइज बताया है. लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाल्टिक सागर के ऊपर 4 घंटे तक रूस के TU-22M3 बॉम्बर को नाटो के फाइटर जेट विमानों ने इंटरसेप्ट किया है.  बताया जा रहा है कि जब रूस के बॉम्बर विमानों के बाल्टिक में उड़ान भरी उसी दौरान नाटो के फाइटर जेट्स ने भी उड़ान भरी थी. स्पेन के चार F-18 फाइटर जेट समेत इटली के यूरोफाइटर और स्वीडन के ग्रिपन फाइटर जेट ने एयर पेट्रोलिंग एक्सरसाइज कर रहे थे.

बाल्टिक सागर के आसमान में एक वक्त पर रूस के बॉम्बर और नाटो के फाइटर जेट का आमना-सामना भी हुआ, जिसके बाद विमानों ने अपनी दिशा बदल दी यानी रूस और नाटो के बीच हुए इस आसमानी टकराव से साफ है कि तनाव कितना बढ़ गया है. यूक्रेन अगर नाटो के हथियारों की मदद से रूस को इसी तरह नुकसान पहुंचाता रहा तो रूस किसी भी वक्त नाटो के खिलाफ जंग छेड़ सकता है, जिसका अंजाम तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है.

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