ईरान में एक महिला को पुलिस ने गोली मार दी. घटना पर ह्मूमन राइट्स एक्टिविस्टों का कहना है कि हिजाब कानून के उल्लंघन पर उसे गोली मारी गई है.
पीड़िता महिला का नाम अरेजू बद्री है, वह 31 साल की है. महिला दो बच्चों की मां है. वह अब तक चल नहीं पाई है और पुलिस अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. बता दें, इससे पहले 16 सितंबर 2022 में पुलिस ने एक 22 साल की महिला आमिनी को हिजाब कानून के उल्लंघन में गोली से मार डाला था, जिसके बाद से देशभर में हिजाब के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हुए थे. हालांकि, ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने वादा किया है कि वे हिजाब कानून को आसान बनाएंगे.
पुलिस और एक्टविस्टों ने बताई अलग-अलग घटना
ह्यूमन राइट एक्टिविस्टों का कहना है कि बद्री को 22 जुलाई को रात 11 बजे मारा गया था. वह उस वक्त उत्तरी माजंदरान प्रांत के एक तटीय रोड पर थी. पीड़िता के साथ उसकी बहन भी थी और वे दोस्त से घर से अपने घर जा रहे थे. इस बीच पुलिस ने कार के टायर पर गोली चला दी. बावजूद इसके महिला ने गाड़ी नहीं रोकी तो पुलिस ने गाड़ी पर ही गोली चला दी, जो सीधे बद्री के फेफड़े में घुस गई. हमले से महिला की रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा है.
मामले में ईरानी मीडिया एजेंसी ने पुलिस कर्नल अहमद अमिनी के हवाले से बताया कि गश्त कर रहे पुलिस अधिकारियों ने गाड़ी को रोकने का इशारा किया लेकिन महिला रुकने के बजाए भागने लगी. इसमें हिजाब के उल्लंघन जैसा कोई मामला ही नहीं है.
महिलाओं के खिलाफ खुला अपराध
हालांकि, पुलिस ने कार को क्यों रोका, इसका कारण अभी तक साफ नहीं हुआ है लेकिन एक्टिविस्टों का कहना है कि हिजाब उल्लंघन ही इसका कारण है. ईरान के आंतरिक मंत्रालय ने गोलीबारी के सवाल का कोई जवाब नहीं दिया है. अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स इन ईरान के कार्यकारी निदेशक हादी घामी ने कहा कि ईरान की पुलिस को गोली चलाने की खुली इजाजत है. यह बेहद गंभीर अपराध है. यह एक तरह से महिलाओं के खिलाफ युद्ध है.