बांग्लादेश के बाद अब भारत के इस पड़ोसी देश पर टूटेगा कहर, खून से लाल हो जाएंगी सड़कें

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में इन दिनों गदर मच रहा है…शेख हसीना के खिलाफ लोगों को गुस्सा फूट पड़ा है, लेकिन अब बांग्लादेश के खिलाफ भारत के एक और पड़ोसी मुल्क में हाहाकार मचने वाला है.

बांग्लादेश के हालत से हर कोई वाकिफ है. दंगों की आग में बांग्लादेश इस समय झुलस रहा है और यही हाल अब पाकिस्तान का भी हो सकता है. ऐसी उम्मीदें जताई जा रही हैं. जी हां क्योंकि एक और जहां जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान में 13 अगस्त से संविधान बचाओ आंदोलन शुरू हो गया है. यह प्रदर्शन शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ है. पाकिस्तान में इमरान खान ने चेतावनी दी है कि अगर आरक्षित सीटों पर फैसले को लागू करने से इंकार किया या फिर मुख्य न्यायाधीश सीजेपी काजी फैज ईसा का कार्यकाल बढ़ाया तो वह सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.

जेल में बंद इमरान खान ने मीडिया से बातचीत की

दरअसल, जेल में बंद इमरान खान ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान इमरान खान ने कहा अगर सरकार विशेष सीटों के फैसले को स्वीकार नहीं करती और सीजेपी ईसा का विस्तार देने की कोशिश करती है तो हम इसका विरोध करेंगे. साथ ही कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब है. उन्होंने चेतावनी दी है कि सरकार संविधान में संशोधन करना चाहती है ताकि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों की अवहेलना करके सीजेपी के कार्यकाल को बढ़ा सके. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ऐसा हुआ तो बड़े पैमाने पर विरोध होगा. शेख हसीना के शासनकाल की तुलना पाकिस्तान की स्थिति से करते हुए पीटीआई पार्टी के संस्थापक ने कहा कि मौजूदा सियासी माहौल ठीक नहीं है. खान ने दावा किया है कि हमारी हालत बांग्लादेश से खराब है. उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश के अपदस्थ प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों को दरकिनार करते हुए अपने सेना प्रमुख मुख्य न्यायाधीश और पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति की.

आम चुनाव में कथित धोखाधड़ी की भी निंदा की

उन्होंने इन घटनाओं और पाकिस्तान के बीच समानताएं बताते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं पाकिस्तान में हुई हैं और हो रही हैं. खान ने आम चुनाव में कथित धोखाधड़ी की भी निंदा की. उन्होंने कहा कि सरकार को डर है कि इसका खुलासा हो जाएगा. सरकार जांच से बचने के लिए न्यायाधिकरण में अपने न्यायाधीशों को नियुक्त करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इन मुद्दों को संबोधित नहीं किया गया तो देश व्यापक अशांति की संभावना के साथ चौराहे पर खड़ा है. उन्होंने पिछले साल 9 मई की घटनाओं को लेकर पीटीआई कार्यकर्ताओं और नेताओं पर कार्रवाई के लिए भी सरकार की आलोचना की. खान ने कहा जिन लोगों ने 9 मई की वीडियो फुटेज चुराई हैं, वहीं उस दिन की घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं. वहीं दूसरी और पाकिस्तान में 13 अगस्त से संविधान बचाओ आंदोलन शुरू होगा. अगर पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन होता है तो उम्मीद जताई जा रही है कि कहीं पाकिस्तान के हालत भी बांग्लादेश जैसे ना हो जाएं.

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