लखनऊ। गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने भी पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में राजधानी में मिला सरकारी बंगला खाली करना शुरू कर दिया है। उन्हें दो माल एवेन्यू पर आवास आवंटित था जिसमें वह लगभग 25 साल से रह रहे थे। मंगलवार को उनका कुछ सामान उनके पोते संदीप सिंह के दो तिलक मार्ग स्थित सरकारी आवास पर भेजा गया। संदीप को राज्यमंत्री होने के नाते यह आवास मिला हुआ है।
यह पहले से ही माना जा रहा था कि कल्याण सिंह सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में सरकारी आवास छोड़ेंगे लेकिन, इसकी औपचारिक घोषणा उन्होंने नहीं की थी। अब कल्याण ने राजस्थान से ही अपने परिवारीजन को आवास खाली करने का निर्देश दिया। इसका 31 मई तक का किराया भी उन्होंने जमा करवाया है। परिवारीजन के अनुसार, 31 मई से पहले ही वह आवास खाली कर देंगे।
गौरतलब है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह भी चार कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास खाली करेंगे। वह लखनऊ में ही गोमतीनगर के विपुल खंड स्थित अपने निजी आवास में शिफ्ट करेंगे। भाजपा के इन दोनों नेताओं के सरकारी बंगला छोडऩे के फैसले से अन्य दलों के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों पर आवास छोडऩे का दबाव बढ़ा है।
1-ए विक्रमादित्य मार्ग पर बनेगा अखिलेश का आशियाना
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पत्र लिखकर सरकारी आवास छोडऩे के लिए दो साल की मोहलत जरूर मांगी है लेकिन, उन्होंने 1-ए विक्रमादित्य मार्ग पर ही अपने लिये भवन का निर्माण भी शुरू करा दिया है। चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में अखिलेश ने उक्त भवन को अपना दर्शाया है। यह भवन उन्होंने अपने व अपनी पत्नी डिंपल यादव के नाम से खरीदा है।
अवध पीजी गल्र्स कॉलेज के निकट मुख्य मार्ग पर स्थित 1-ए विक्रमादित्य मार्ग का कुल क्षेत्रफल 24191 वर्गफुट है। इसे मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्वकाल में 31 जनवरी 2005 में 19 लाख 53 हजार 644 रुपये में खरीदा गया था। 2014 में सर्किल रेट के हिसाब से इसकी कीमत लगभग सात करोड़ रुपये थी। अखिलेश के पास इसके अलावा दिलकुशा एमजी रोड पर एक वाणिज्यिक भवन भी है।
मुलायम की पत्नी के पास एक प्लाट और एक भवन
पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के पास राजधानी में अपना कोई मकान नहीं है लेकिन, उनकी पत्नी साधना के पास 1/103 विश्वासखंड, गोमतीनगर के रूप में एक भवन है जो 3230 वर्गफुट में बना हुआ है। मुलायम की पत्नी के नाम विजय खंड, गोमती नगर में एक प्लॉट (ए-2/86) है। यह प्लॉट 5974 वर्गफुट में बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि मुलायम ने अपना सरकारी बंगला बचाने के लिए पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। उन्होंने अपने बंगले को विधानसभा में नेता विरोधी दल के नाम से आवंटित करने का सुझाव दिया था।
अखिलेश के समय मांगने पर विधिक राय ले रही सरकार
बंगला बचाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती व अखिलेश यादव द्वारा अपनाए फार्मूले कारगर होते नहीं दिखते। राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हरहाल में पालन किया जाएगा। अखिलेश द्वारा बंगला खाली कराने को दो वर्ष का समय मांगने के सवाल पर शुक्ला का कहना है कि इसका कोई औचित्य नहीं रह गया, फिर भी न्याय विभाग से इस प्रस्ताव पर राय ली जा रही है। उधर, मायावती के बंगले के बाहर कांशीराम यादगार विश्राम स्थल का बोर्ड लगवाने के बाद भी सरकार इसे खाली करवाने के मूड में दिख रही है।
राज्य संपत्ति विभाग के मुताबिक बसपा की ओर से इस आवास को विश्राम स्थल के लिए आवंटित करने संबंधी कोई आवेदन नहीं किया गया। अगस्त 2016 में ही कांशीराम यादगार विश्राम स्थल के नाम से आवंटित इस आवास का आधा हिस्सा ट्रस्ट के नाम आवंटित करने से मना कर दिया गया था। इसके बाद ही पूरा बंगला यानी 13-ए माल एवेन्यू पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आवंटित किया गया था। राज्य संपत्ति अधिकारी का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के नाम से आवंटित 13-ए बंगले को 15 दिन में खाली करने का नोटिस तामील हो चुका है। निर्धारित अवधि बीतने के बाद नियमानुसार कार्रवाई होगी।
एनडी तिवारी को भी नोटिस तामील
पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को भी आवास खाली करने का नोटिस तामील किया जा चुका है। राज्य संपत्ति अधिकारी शुक्ला ने बताया कि तिवारी के निजी स्टाफ को नोटिस रिसीव करा दी गई है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी बीमार होने के कारण दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती है।
किराए का मकान तलाश रहे अखिलेश
बंगला खाली करने के मुद्दे एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में अखिलेश ने कहा कि उन्होंने दो वर्ष का समय मांगा है, जैसे ही घर बन जाता है, वह बंगला खाली कर देंगे। उनका खुद का घर नहीं है। वह अपने और नेताजी (मुलायम सिंह यादव) दोनों के लिए घर ढूंढ रहे हैं। अगर उन्हें किराए का मकान मिल जाए तो वह घर खाली कर देंगे।