हरियाली तीज व्रत आमतौर पर निर्जला व्रत होता है। अविवाहित महिलाएं मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं और भगवान शिव की पूजा करती हैं, जबकि विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए यह व्रत रखती हैं। हालांकि व्रत रखते समय भक्तों को कुछ नियमों का पालन करना चाहिए। व्रत रखते समय भक्तों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
क्या करना चाहिए?
-चूंकि देवी पार्वती को स्त्रीत्व, वैवाहिक आनंद और 16 श्रृंगार का प्रतीक माना जाता है, इसलिए ऐसे में हरियाली तीज व्रत के दौरान विवाहित महिलाओं को मां पार्वती की पूजा करते समय 16 श्रृंगार करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है। ऐसा करने से देवी पार्वती विशेष आशीर्वाद देती हैं और वैवाहिक जीवन में मधुरता लाती हैं।
-तीज व्रत कथा पढ़ना भी जरूरी है। इसलिए, भक्तों को विधि-विधान से भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते समय तीज कथा भी पढ़नी और सुननी चाहिए क्योंकि इससे सुखी वैवाहिक जीवन सुनिश्चित होता है और भक्तों को भगवान शिव और मां पार्वती का आशीर्वाद भी मिल सकता है जिससे उनका भाग्योदय होगा।
क्या नहीं करना चाहिए?
– हरियाली तीज के दिन इस बात का ध्यान जरुर रखें कि यह व्रत पति की लंबी आयु के लिए रखा जाता है। इस दिन भूलकर भी पति से लड़ाई- झगड़ा न करें। पति भी इस बात का ध्यान रखें कि वह पत्नी को किसी कारणवश ठेस न पहुंचाए।
– हरियाली तीज के दिन परिवार वालों को लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा आदि से दूर रहना चाहिए। तामसिक वस्तुओं को घर से दूर रहे। व्रत के दौरान तन और मन को पवित्र रखें। व्रत में सोना वर्जित है।