सावन में भोले बाबा को प्रसन्न करने के लिए लोग तरह तरह के उपाय करते हैं. वहीं सावन में कालाष्टमी के बहुत महत्व होते है. इस दिन भगवान शिव के रूद्र अवतार काल भैरव की पूजा और व्रत होता है. इस व्रत से काल भैरव की भक्तों पर कृपा होती है. साथ ही इससे जीवन की दिक्कतें परेशानी चली जाती है. इसे कालाष्टमी इसलिए कहते है क्योंकि इस दिन भगवान काल भैरव प्रकट हुए थे. सावन कालाष्टमी 27 जुलाई 2024 दिन शनिवार यानी की कल है. इस दिन सावन का पहला शनिवार भी है.
कालाष्टमी के व्रत का शुभ मुहूर्त
सावन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथी 27 जुलाई 2024 को रात 9 बजे 19 मिनट से होगी. वहीं इसका समापन 28 जुलाई को रात 7 बजकर 27 मिनट पर होगा. यह व्रत 27 जुलाई को ही रखा जाएगा.
व्रत का महत्व
कालाष्टमी के व्रत रखने से अकाल मृत्यु का खतरा खत्म हो जाता है. वहीं शनि और राहु के प्रभावों से भी छुटकारा मिल जाता है. इसके अलावा काल भैरव को तंत्र मंत्र का देवता माना जाता है. इसके अलावा काल भैरव की पूजा करने से हर तरह की सिद्धि की प्राप्ति होती है. वहीं भैरव बाबा की पूजा अर्चना करने से शत्रुओं से भी छुटकारा मिलता है.
ऐसे करें उपासना
कालाष्टमी के दिन कालभैरव के सामने सरसों के तेल का दिपक जलाएं. साथ ही कालभैरवाष्टकम का पाठ करें. काल भैरव पर 21 बेलपत्र चढाएं. साथ ही शिव चालीसा का पाठ करें. इससे आपके जीवन में खुशियों का आगमन होता है. साथ ही धन की दिक्कतें भी दूर होती है.
ये है शुभ योग
शास्त्रों के अनुसार कालाष्टमी पर मंगलकारी धृति योग, रवि योग, और शिव वास योग बन रहे हैं. धृति योग और रवि योग रात में 10.44 मिनट पर बन रहे है. वहीं इसमें भगवान शिव की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है. इसके अलावा शिव योग रात 9 बजकर 19 मिनट से हो रहा है. इसमें भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से घर में सुख, समृद्धि आती है.