यहां जोड़ा फाटक के पास दशहरा कार्यक्रम के दौरान हुए हादसे को लेकर पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू पर सवाल उठाए जाने के बाद स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू क्षेत्र में सक्रिय हैं। वह पीडि़त लोगों के घर जा रहे हैं और उनको सांत्वना देने के संग मदद का भरोसा दिला रहे हैं। इसी दौरान सिद्धू ने हादसे में अनाथ हुए बच्चों एवं आर्थिक तौर से कमजोर परिवारों को अडॉप्ट करने की घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अपने तौर पर पुनर्वास व सहायता की घोषणा करेगी। पंजाब सरकार कितना करती है यह पता नहीं, लेकिन मेरी तरफ से सहायता राशि अलग होगी। सिद्धू ने कहा, मैं अनाथ बच्चों को अडॉप्ट करके उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने, उन्हें नौकरी दिलाने सहित गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता दूंगा।
सिद्धू ने कहा कि वह तमाम उम्र बेसहारा, अनाथों को अडाप्ट करते हुए सहायता प्रदान करते रहेंगे। यह उनका दूसरा वादा है। पहला वादा उन्होंने केवल गुरु नगरी अमृतसर से ही चुनाव लड़कर यहां के लोगों की सेवा करने का पूरा किया है। दूसरा वादा भी हर हाल में पूरा करूंगा।
उन्होंने कहा, सिद्धू मर जाएगा लेकिन अपने वादे से नहीं मुकरेगा, चाहे उसकी जान भी चली जाए। हादसे में परिवारों के मुखिया की मौत के कारण लाचार हुए लोगों के घर का चूल्हा सिद्धू के होते हुए सदैव जलता रहेगा, यह मेरा वचन है। इसके साथ ही सिद्धू ने कहा कि हादसा बचाया जा सकता था अगर रेलवे विभाग मुस्तैद होकर अपनी ड्यूटी अदा करता। यह हादसा रेलवे की लापरवाही के कारण हुआ।
उन्होंने कहा कि हादसे को लेकर उनकी पत्नी डॉ. नवजाेत कौर सिद्धू पर सवाल उठाना गलत और राजनीति से प्रेरित है। इस तरह के हादसे पर राजनीति करना गलत है। हादसे के बाद डॉ. नवजोत अस्पतालों में पहुचीं आैर घायलों का इलाज भी किया। इसके साथ ही सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ के साथ अस्पतालों में जाकर घायलों का हाल जाना।