फिल्मकार विकास बहल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बहल के केस की सुनवाई के दौरान पेश होने से इंकार करते हुए कहा कि उन्हें इस मामले में कोई कानूनी लड़ाई नहीं लड़नी है।
बता दें की विकास बहल ने अपने पूर्व पार्टनर अनुराग कश्यप और विक्रमादित्य मोटवाने के ख़िलाफ़ 10 करोड़ की मानहानि का केस किया था। अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि विकास इस मामले में आरोप लगाने वाली महिला को भी पार्टी बनाये ताकि कोर्ट उनकी बात भी सुन सके। लेकिन पीड़ित महिला कोर्ट में नहीं आईं। उनके वकील नवरोज़ सिरवई ने अदालत को बताया कि उक्त महिला विकास के ख़िलाफ़ के नहीं करना चाहतीं और न ही उन्हें अदालत में आना है। वो इस मामले में कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि पीड़िता तीन साल में बहुत कुछ सह चुकी है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि मी टू अभियान के तहत महिलाएं आगे आ कर अपनी बात रखें लेकिन इसका गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। लेकिन अगर महिला केस दर्ज़ नहीं कराना चाहती तो किसी को इस बारे ने बात नहीं करनी चाहिए। किसी को उसके कंधे पर बन्दूक रख कर गोली नहीं चलानी चाहिए। इस मामले में एक दिशानिर्देश तय होने चाहिए। कोर्ट ने विकास बहल से इस मामले को अदालत के बाहर आपस में सुलझा लेने को कहा।
बता दें कि 2015 में फिल्म बॉम्बे वेलवेट के दौरान एक प्रमोशनल टूर हुआ था और तब फैंटम फिल्म्स में काम करने वाली एक महिला ने विकास बहल पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। अनुराग और विक्रमादित्य ने इस मामले में महिला का समर्थन किया और माफ़ी भी मांगी। बाद में कुछ और महिलाओं ने विकास के चरित्र को लेकर बात कही। कंगना रनौत ने भी विकास पर आरोप लगाते हुए उनके साथ बदतमीज़ी करने की बात कही।