बेंगलुरु (ब्यूरो): भारत की चिकित्सा सुविधाओं पर विदेशियों का भरोसा इतना बढ़ा है कि वे अब हर बड़ी से बड़ी और छोटी से छोटी समस्या को लेकर भारत के चिकित्सकों से संपर्क कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला बेंगलुरु में देखने को मिला जहां सूडान के 38 वर्षीय मरीज़ एल्माही इब्राहिम एल्माही मोहम्मद ने अपना लंग्स ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक कराया। उन्हें 2020 के बाद से ही असहनीय दर्द, सांस फूलने और थकान के कारण संयुक्त अरब अमीरात में कई अस्पतालों के चक्कर लगाना पड़ा लेकिन कहीं से भी राहत नहीं मिली।
एल्माही को क्रोनिक श्वसन विफलता के साथ-साथ ब्रोन्किइक्टेसिस का पता चला था, जिसके बाद उनके पास फेफड़े के प्रत्यारोपण पर विचार करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। इलाज के लिए वे इधर-उधर भटक रहे थे तभी उनके किसी मित्र ने उन्हें भारत में अपना इलाज कराने के लिए सुझाव दिया। हालांकि भारत में चिकित्सा पद्धति ने आज नई उपलब्धियां हासिल की है, पहले भी इसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता था। ऐसे में इस विदेशी नागरिक ने नारायणा हेल्थ सिटी बेंगलुरु में अपना इलाज कराया और आखिरकार एक सफल लंग्स ट्रांसप्लांट के बाद उसे नया जीवन मिला।
बैंगलोर के बोम्मसंद्रा में नारायणा हेल्थ सिटी में, सीनियर कंसलटेंट एंड डायरेक्टर डॉ. बाशा जे. खान के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक कुशल टीम ने जटिल फेफड़े के प्रत्यारोपण सर्जरी के माध्यम से श्री एल्माही को नया जीवन प्रदान करने के जटिल मिशन पर काम शुरू किया। इस वर्ष 27 जनवरी को आयोजित यह जीवन बदलने वाली सर्जरी श्री एल्माही के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुई, जिनका परिवार उनके ठीक होने की आखिरी उम्मीद के साथ भारत आया था। साहस, सकारात्मक दृष्टिकोण और अस्पताल द्वारा प्रदान की गई असाधारण चिकित्सा देखभाल ने मिलकर इस जानलेवा स्वास्थ्य स्थिति पर काबू पाया। अब वे नया जीवन जी रहे हैं।