प्रयागराज: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान के परिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में आजम खान और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को जमानत दे दी है। इसके साथ ही आजम खान की सजा पर रोक भी लगाई है। न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने आजम खान, तंजीम और अब्दुल्ला आजम की जमानत मंजूर कर ली है और आजम खान की सजा का आदेश स्थगित कर दिया है। यह फैसला आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनाया गया है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 14 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने भी मामले में बहस की थी। इसके अलावा अपर महाधिवक्ता पीसी. श्रीवास्तव और शासकीय अधिवक्ता एके संड, जेके उपाध्याय ने पक्ष रखा। जबकि, आजम परिवार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता इमरानुल्ला खां ने बहस की। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल भी आजम परिवार की तरफ से बहस करने आए थे। हाईकोर्ट के वकील ने बताया कि आजम अभी जेल में रहेंगे, क्योंकि हेट स्पीच मामले में भी उन्हें सात साल की सजा हुई है। बेटा अब्दुल्ला भी एक अन्य मामले में आरोपी है। ऐसे में सिर्फ तंजीम ही जेल से बाहर आएंगी।
कोर्ट ने आजम की सजा पर भी रोक लगा दी है। तंजीम फातिमा और अब्दुल्ला आजम की सजा पर रोक लगाने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया। केवल आजम खान की सजा पर रोक लगाई गई है। बता दें कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आजम के बेटे अब्दुल्ला आजम स्वार विधानसभा सीट से सपा विधायक बने थे। उसी दौरान नवाब काजिम अली और भाजपा नेता अकाश सक्सेना ने फर्जी प्रमाण पत्र मामले में उनकी शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि वह चुनाव लड़ने की योग्यता नहीं रखते हैं। चुनाव याचिका पर हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला का चुनाव रद्द कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली थी।