जौनपुर, 22 मईः राम का विरोध करते-करते रामद्रोही भारत, हिंदुओं, दलितों- पिछड़ों और आमजन का विरोध करते हैं। यह वही लोग हैं, जो बेटी-व्यापारी की सुरक्षा में सेंध लगाते थे। रामभक्तों पर गोली चलवाते हैं और माफिया के मरने पर मातम मनाते हैं। माफिया के मरने पर प्रदेशवासियों को लगा कि बला समाप्त हुई, लेकिन सपा के लोग आंसू बहा रहे थे। मैंने एक सपा नेता से पूछा कि तुम्हें जनता, गरीबों, किसानों, दलितों, पिछड़ों, वंचितों के लिए आंसू बहाते नहीं देखा तो उन्होंने कहा कि यह माफिया हमारे कारिंदे थे, जिनके कारण हम वसूली करते थे। आप वसूली के हमारे सारे अड्डे ध्वस्त कर देंगे तो हम भीख मांगते दिखाई देंगे। मैंने कहा कि तुम्हें तो कोई भीख भी नहीं देगा, क्योंकि तुम्हारे कारनामे ऐसे हैं कि जिस घर में जाओगे, वहां मां, बहन-बेटी, जूता-चप्पल लेकर दौड़ाएगी। कोई तुम पर विश्वास भी नहीं करने वाला है।
उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने जौनपुर के मेला मैदान रामपुर, मड़ियाहूं में जनसभा कर मछलीशहर से सांसद व प्रत्याशी बीपी सरोज तथा भदोही से विनोद बिंद को जिताने की अपील की।
तृणमूल पर बरसे योगी, पूछे-यह कहां से यहां आ गए
सीएम योगी ने कहा कि फिर एक बार मोदी सरकार को लेकर देश में उमंग है। अबकी बार-400 पार कहने पर क्षेत्रीय दलों, सपा व कांग्रेस समेत इंडी गठबंधन को चक्कर आता है। न सपा-कांग्रेस 400 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और टीएमसी 400 सीटों पर चुनाव लड़ने लायक है। आपने तो टीएमसी का नाम पहली बार सुना होगा। टीएमसी के लोग कहते हैं कि साधु-संतों को मारकर भगा देना चाहिए। विश्वामित्र की यज्ञ साधना का विध्वंस करने यह मारीच और सुबाहू कहां से आ गए हैं। इन्हें तो राम-लक्ष्मण ने त्रेतायुग में ही स्वाहा कर दिया है।
जैसा सपा का नारा, वैसा ही दिख रहा नजारा
सीएम योगी ने कहा कि कल आपने सपा का नजारा देखा होगा। 2014, 2017, 2019, 2022 में हारे और 2024 में हारने जा रहे हैं। उनकी उद्दंडता और अनुशासनहीनता को देखा होगा। जैसा सपा का नारा, वैसा ही नजारा आपने देखा होगा। सपा का था यही नारा कि खाली प्लॉट है हमारा। मार्च 2017 में भाजपा व मोदी जी ने जैसे ही मुझे प्रदेश का सीएम बनाया। मैंने 24 घंटे का समय दिया और कहा कि इस अवधि में अवैध कब्जा नहीं हटा तो बाप-दादा की संपत्ति से भी वंचित होना पड़ेगा। फिर 24 घंटे में सपाई गुंडों के सारे कब्जे हट गए थे। कल इन लोगों की मंच पर ही कुश्ती हो रही थी। जो पार्टी अपने नेता और छोटे का ख्याल-बड़ों का लिहाज नहीं रखती हो, वह सभ्य समाज का हिस्सा नहीं हो सकती। जो कारनामे यहां समाजवादी पार्टी के थे, वही पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस का है। इनके नाम भर अलग हैं, लेकिन कारनामे एक हैं। इनके डीएनए कांग्रेस से मिलते-जुलते हैं।
सपा ने पहचान का संकट दिया तो भाजपा ने सम्मान बढ़ाया
सीएम ने कहा कि सपा के कारण नौजवानों को लोग उप्र के बाहर कमरा तक देने से मना कर देते थे, लेकिन अब देश में लोग कहते हैं कि आप अयोध्या-काशी, मां विंध्यवासिनी की धऱती यूपी से हैं। प्रदेश के बाहर यूपी वालों को लोग अब गले से लगाकर सिर आंखों पर बैठाते हैं। सपा ने पहचान का संकट दिया तो भाजपा ने सम्मान बढ़ाया। भाजपा की सरकार है तो भदोही की कालीन दुनिया में धूम मचा रही है। मां विंध्यवासिनी के नाम पर विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज दिया है। इधर काशी विश्वनाथ और इधर मां विंध्यवासिनी धाम शोभा बढ़ा रहे हैं। अयोध्या धाम का भी कार्य हो गया है। अब यदि यदुवंशी जागरूक हो जाएं तो हम यदुवंश कुलभूषण भगवान श्रीकृष्ण की की जन्मभूमि की तरफ भी बढ़ें। सपा अध्यक्ष का मथुरा के मुद्दे पर मुंह बंद हो जाता है। खुद को यदुवंशी कहेंगे, लेकिन श्रीकृष्ण की जन्मभूमि की बात आएगी तो इन्हें वोट बैंक की चिंता होने लगती है। आस्था की कीमत पर वोट बैंक की राजनीति करने वालों की जमानत जब्त कराइए।
आतंकियों, माफिया और अपराधियों के सामने घुटना टेकते हैं सपाई-कांग्रेसी
सीएम ने कहा कि सपा-कांग्रेसी आतंकियों, माफिया और अपराधियों के सामने घुटना टेकने वाले लोग हैं। पाकिस्तान को अब पता है कि नए भारत को छेड़ने पर वह पाताल लोक से निकालकर जहन्नुम की तरफ भेज देगा। कांग्रेस और सपा वाले आपसे वोट मांगते हैं और कहते हैं कि सरकार बनते ही विरासत टैक्स लगा देंगे यानी उसकी कीमत पर वे आपके पूर्वजों की संपत्ति में से आधी हड़प लेंगे, फिर मुसलमान घुसपैठियों को बांट देंगे। इनके अंदर औरंगजेब की आत्मा घुस गई हैं। औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर और मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर तोड़ा था। आगरा का ताजमहल बनवाने वाले अपने पिता शाहजहां को कैद कर दिया था।
जनसभा में विधायक अवधेश सिंह, विपुल दुबे, दीनानाथ भास्कर, बेदीराम, आरके पटेल, विधान परिषद सदस्य ब्रजेश सिंह प्रिंसू, भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री आशीष सिंह, मछलीशहर के जिलाध्यक्ष रामविलास पाल, भदोही के जिलाध्यक्ष दीपक मिश्र, पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय, पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्र, पूर्व विधायक सुषमा पटेल, रविंद्र नाथ त्रिपाठी, अनिरुद्ध त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।