राघेवन्द्र प्रताप सिंह, लखनऊ. केन्द्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने सोमवार को कहा कि विज्ञान को आम जनता तक पहुंचाने में क्षेत्रीय भाषाओं और फिल्मों की अहम भूमिका है। राजधानी में आयोजित चैथे भारतीय अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव के तहत आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान साहित्य और फिल्म महोत्सव में डा. हर्ष वर्धन ने कहा कि पिछले चार दिनों में 53 से ज्यादा फिल्में दर्शाई गईं। उन्होने कहा कि यह सभी फिल्में क्षेत्रीय भाषाओं में थीं। स्वीडन, ब्रिटेन, जर्मनी और डेनमार्क जैसे देशों के फिल्म निर्माताओं ने भी इसमें हिस्सा लिया। उन्होने कहा कि पिछले महोत्सवों की तुलना में इस बार भागीदारी ज्यादा रही। विज्ञान महोत्सव में लोगों की बढ़ती भागीदारी इस बात का सबूत है कि विज्ञान के प्रति लोगों में अभिरुचि बढ़ रही है। उन्होने कहा कि बड़ी संख्या में बच्चों ने भी विज्ञान पर फिल्में बनाईं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विज्ञान धीरे-धीरे जन आंदोलन का रूप ले रहा है। सोशल मीडिया का उल्लेख करते हुए उन्होने कहा कि लोग कई बार गैरजरूरी चीजें भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं। उन्होने कहा कि सोशल मीडिया विज्ञान को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म साबित हो सकता है। उन्होने कहा कि विज्ञान और इसकी उपलब्धियों को सोशल मीडिया पर वायरल करने की जरूरत है। लोग विज्ञान की उपलब्धियों का फायदा तो उठाते हैं लेकिन विज्ञान में रुचि नहीं लेते। उन्हांेने कहा कि बच्चे मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। अगर विज्ञान से जुड़ी खोज के वीडियो वायरल किए जाएं तो बच्चों में विज्ञान के प्रति अभिरुचि उत्पन्न करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगली बार से हर राज्य का अलग से विज्ञान महोत्सव आयोजित करने पर काम चल रहा है। इससे विज्ञान की क्षेत्रीय उपलब्धियों को जनता के बीच लाने में मदद मिलेगी।
इस कॉन्क्लेव में आये एनबीआरआई की शोध छात्रा राखी प्रभाकर ने सवाल के जबाब में कहा कि इस कार्यक्रम का स्वागत होना चाहिए कम उम्र में जहां नई जानकारी अनुभवी लोगों से मिल रही वहीं एक दूसरे के संस्कृति को भी सीखने समझने को मिल रहा। वहीं एनबीआरआई के शोध छात्र ऋषि देव ने सवाल का जबाब देते हुए कहा कि हम युवाओं को यहां बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है इस तरह का कार्यक्रम हमेशा होना चाहिए।