प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सोचि में मुलाकात की और कई मुद्दों पर बातचीत की. इसके अलावा उन्होंने याट की सवारी का भी लुत्फ उठाया. दोनों नेताओं ने अनौपचारिक शिखर वार्ता के दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की और एक-दूसरे के देश को पूर्ण समर्थन देने की बात कही. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत और रूस पुराने मित्र हैं. मैं राष्ट्रपति पुतिन का आभारी हूं जो उन्होंने मुझे इस अनौपचारिक मुलाकात के लिए सोचि बुलाया.’
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने भारत और रूस के बीच दृढ़ संबंधों को उजागर करने के लिए कई बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख किया. पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता के लिए रुस पहुंचे पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कम से कम सात बार 93 वर्षीय भाजपा नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का जिक्र किया.पीएम मोदी के भाषण में वाजपेयी का पहला जिक्र तब हुआ जब उन्होंने पुतिन की रूसी राष्ट्रपति के रुप में 2000 में भारत की पहली यात्रा को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘तब आपने हमारे संबंधों को परिभाषित करने के लिए भारत और रूस की सभ्यता, मजबूत और जीवंत लोकतंत्र की प्रशंसा की थी.’’
मोदी ने 2000 में पुतिन की यात्रा के दौरान वाजपेयी के दिए गए भाषण को याद करते हुए कहा, ‘‘लंबे समय से रूस का दोस्त होने के नाते हम रुस को बहुध्रुवीय विश्व में अहम भूमिका निभाने वाले मजबूत और भरोसेमंद देश के रूप में देखना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह देखकर हमें खुशी है कि अटल बिहारी वाजपेयी का सपना और उनकी दूरदृष्टि सच हुई.’’
मोदी ने कहा कि भारत और रुस के बीच रणनीतिक साझेदारी अब विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हो गई है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. मोदी ने 2001 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ अपनी पहली रूस यात्रा को याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे राजनीतिक करियर में भी रूस और आप काफी अहम हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर किसी विदेशी नेता के साथ यह मेरी पहली भेंट थी. मेरे अंतरराष्ट्रीय संबंधों की शुरुआत आप से और रूस से हुई.’’