गोरखपुर । पत्रकारिता के समक्ष आज सबसे बड़ा संकट विश्वसनीयता का है। डिजिटिलाइजेशन ने खबरों की उपलब्धता तो सुनिश्चित की, परंतु सत्यता के घेरे में भी पत्रकारिता को ला दिया। उक्त विचार आज गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन के शपथ ग्रहण एवं रजत जयंती समारोह में आयोजित गोष्ठी में बोलते हुए मुख्य अतिथि ज्ञानेंद्र शुक्ला ने व्यक्त किया। दैनिक भास्कर के पूर्व एक्जीक्यूटिव एडिटर ज्ञानेंद्र शुक्ल ने कहा कि पत्रकारों को आत्म मंथन करना होगा। ग्रामीण अंचल के पत्रकारों को पहचान देनी होगी। परिस्थितियों विपरीत है, पर हौसला बनाकर रखना होगा। बदलते वैश्विक परीदृश्य में पत्रकारिता की चुनौतियां विषयक गोष्ठी में सभा अध्यक्ष महापौर डॉक्टर मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकारिता समाज का आईना है और इस आईना को हमें साफ रखना होगा, जिससे वास्तविकता ही लक्षित हो। पत्रकारों को भौतिक सत्यापन के साथ खबरों पर मंथन करना होगा।
इसके पूर्व विषय प्रवर्तन करते हुए वरिष्ठ पत्रकार कुमार हर्ष ने कहा कि एक संपादक को धर्म नीति, राजनीति, अर्थशास्त्र,ब देश के संविधान और कानून का ज्ञान होना आवश्यक है। इसके साथ ही उसे पूरे विश्व में घट रही घटनाओं का भी ज्ञान होना चाहिए। आज पूरी दुनिया में युद्ध का माहौल है। पत्रकार की एक जरा सी चूक भी भयंकर परिणाम दे सकती है। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी एक बड़ी चुनौती है। विश्व का लगातार बदलता राजनीतिक परिदृष्य भी पत्रकारों के लिए एक चुनौती का ही प्रश्न खड़ा करता है। उत्तर प्रदेश प्रेस क्लब लखनऊ के पूर्व सचिव सुरेश बहादुर सिंह ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है। मुख्य वक्ता रणविजय सिंह ने कहा कि पत्रकारिता के समक्ष निरपेक्ष पत्रकारिता एक बड़ी चुनौती है। पत्रकारों को विश्वसनीयता बढ़ानी होगी। आकाशवाणी के पूर्व संपादक रमेश शुक्ला ने कहां की पत्रकारिता में बढ़ता जेनरेशन गैप भी एक बड़ी वैचारिक चुनौती है। पत्रकार आज अधिक संदेह के घेरे में है। द इंडियन व्यू के संपादक राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जो एक खबर भी नहीं लिख सकते, वह पत्रकारों पर उंगली उठा रहे हैं। सोशल मीडिया ने पत्रकारिता का और भी क्षरण किया है।
इसके पूर्व आज सभा अध्यक्ष ने गोरखपुर जर्नलिस्ट एसोसिएशन की 25वीं कार्यकारिणी को शपथ ग्रहण कराया। इसके साथ ही 1999 में संस्थापक कमेटी के सदस्यों का मंच पर अभिनंदन किया गया। इस दौरान प्रतिभा सम्मान समारोह में लाइफटाइम सम्मान के क्रम में पत्रकारिता के शलाका पुरुष महेश अश्क को स्वर्गीय पत्रकार मुन्नालाल स्मृति , हॉकी की प्रख्यात खिलाड़ी प्रेम माया को डॉक्टर राम दरस त्रिपाठी स्मृति तथा 4 दशकों तक शिक्षा की लौ जगाने वाले शिक्षक कमलाकांत श्रीवास्तव को स्वर्गीय दिनेश चंद्र श्रीवास्तव स्मृति लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। इनके साथ ही सुधा मोदी को पत्रकार बांकेलाल तिवारी स्मृति प्रतिभा सम्मान, रंगकर्मी अजीत प्रताप सिंह को स्वर्गीय बालकृष्ण बजाज स्मृति , डॉक्टर शेखर मुखर्जी को पत्रकार फूलनारायण धर द्विवेदी स्मृति , पहलवान संजय राय को पत्रकार जीवत सिंह माधवानी स्मृति तथा गायिका श्रीमती निधि श्रीवास्तव को उर्मिला शुक्ल स्मृति गायन प्रतिभा सम्मान और कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर रामचेत चौधरी को पत्रकार सतीश चंद्र श्रीवास्तव स्मृति प्रतिभा सम्मान प्रदान किया गया।
कुशल मंच संचालन के लिए मृत्युंजय उपाध्याय नवल और सुषमा श्रीवास्तव को भी सम्मानित किया गया। इसके पूर्व गोजए अध्यक्ष रत्नाकर सिंह ने अतिथियों के स्वागत के साथ संगठन के 25 वर्षों के संघर्षपूर्ण इतिहास पर प्रकाश डाला तथा अंत में महामंत्री मनोज श्रीवास्तव गणेश ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस दौरान सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भानु प्रताप पांडे, प्रेस क्लब अध्यक्ष मृत्युंजय शंकर सिंहा, मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के अध्यक्ष अरविंद राय, गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब अध्यक्ष मारकंडे मणी, समाजसेवी प्रवीण श्रीवास्तव सर्वेश दुबे , शफी आजमी सहित बड़ी संख्या में पत्रकार और गणमान्य जन उपस्थित थे।