हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। वहीं अगर यह तिथि सोमवार को पड़ती है, तो इसको सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस बार 08 अप्रैल 2024 को सोमवती अमावस्या है। इस साल अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण होगा। हांलाकि यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। वैदिक पंचांग के मुताबिक 08 अप्रैल को 08:21 मिनट से अमावस्या तिथि की शुरूआत होगी। वहीं रात 11:50 मिनट तक यह तिथि मान्य होगी।
पवित्र नदी में करना चाहिए स्नान
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, इस दिन स्नान करने के दौरान गंगा, यमुना, नर्मदा, गोदावरी, सिंधु, कृष्णा और कावेरी आदि पवित्र नदियों को याद करने का विधान हैं। वहीं इन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति को पुण्यफल की प्राप्ति के साथ ही आरोग्य और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से पहले स्नान करना उत्तम माना जाता है। मान्यता के मुताबिक, सोमवती अमावस्या के दिन विधिवत तरीके से स्नान आदि करने से जातक को श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। वहीं अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं, तो नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए।
सोमवती अमावस्या तिथि का महत्व
चैत्र मास की अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य, पितरों के निमित्त तर्पण और दीपदान का विशेष महत्व होता है। इस दिन महिलाएं पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत और चंदन आदि से पूजा कर वृक्ष की परिक्रमा करती हैं। इस दिन कुछ धार्मिक उपाय करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
सूर्य को अर्घ्य दें
शास्त्रों में सूर्यदेव की पूजा को व्यक्ति के लिए कल्याणकारी माना जाता है। सूर्य देव की पूजा करने से शरीर और मन की नकारात्मक भावना का अंत होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। वहीं सोमवती अमावस्या के दिन सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। इससे व्यक्ति के जीवन में धन-वैभव और यश सदैव बना रहता है। मान्यता के मुताबिक इस दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने से व्यक्ति को पूर्व जन्म और इस जन्म के सभी पापों से मुक्ति मिलती हैं।
पीपल की पूजा
वहीं हिंदू धर्म के मुताबिक पीपल के पेड़ में सभी देवताओं का वास माना जाता है। जो भी व्यक्ति सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा कर उसकी परिक्रमा करता है। उसके सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।