लखनऊ। नगर विकास विभाग ने शहरी विकास को रफ्तार देने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 25,698.28 करोड़ रुपए का वित्त स्वीकृत किया है। इस भारी भरकम राशि का उपयोग पूरे राज्य में शहरी विकास के लिए उपयोग किया जाएगा, जो प्रदेश की जनता के प्रति विभाग के समर्पण को प्रदर्शित करता है। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में, उत्तर प्रदेश ने शहरी विकास क्षेत्र में काफी प्रगति की है। योगी सरकार ने शहरी विकास की दिशा में निरंतर प्रयास किए हैं। कई नई योजनाओं की शुरुआत की गई है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर शहर के निर्माण में मील का पत्थर साबित होंगी।
सुनिश्चित की गई शहरी विकास की प्रगति
इससे पूर्व 2023-24 वित्त वर्ष के लिए विभाग को पिछले वर्ष की तुलना में 5.1% की वृद्धि के साथ 28,779.55 करोड़ रुपए का बजट आवंटित हुआ था। इसमें से 26,272.33 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली, जो कुल बजट का 91.3% रहा। इस राशि से नगरीय बुनियादी ढांचे, स्थानीय विकास परियोजनाओं और नागरिक सेवाओं में सुधार के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधनों को जुटाने में मदद मिली। वित्त का सही उपयोग और नई जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभाग की ओर से नियमित समीक्षा और मॉनिटरिंग भी की गई। विभाग ने सभी हितधारकों और नागरिकों को आश्वस्त किया है कि वह अपनी अटूट प्रतिबद्धता के साथ शहरी विकास को आगे बढ़ाना जारी रखेगा और अधिक समृद्ध और पूर्ण शहरी जीवन में योगदान देगा।
पूंजीगत व्यय 2023-24 के अंतर्गत की गईं नई पहल
सीएम ग्रिड: प्रदेश सरकार ने हरित बुनियादी ढांचे, डिजिटल सेवाओं और एक सुरक्षित शहर के लिए मूलभूत बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करते हुए नई “सीएम ग्रिड” योजना शुरू की है।
वंदन: “वंदन” योजना के तहत इन स्थलों पर प्रकाश, जल आपूर्ति, शौचालय, स्वच्छता और लिंक रोड जैसी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। डीएम की अध्यक्षता वाली एक समिति प्रत्येक वर्ष दो स्थानों का चयन करेगी। संपर्क पथ, विश्राम स्थल, शेड, पानी की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, पेंटिंग, इंटरलॉकिंग, परिक्रमा पथ और घाट जैसे कार्यों के लिए पर्यटन विभाग से समन्वय किया जाएगा। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, इन स्थलों के विकास के लिए पर्यटन विभाग, सीएसआर फंड, एमपी-एमएलए फंड और नगर निगम विभाग के बजट का भी उपयोग किया जाएगा।
आकांशी नगर योजना: “आकांशी नगर योजना” का लक्ष्य बीस हजार से एक लाख तक की आबादी वाले 100 छोटे शहरों में सुविधाएं विकसित करना है। इस योजना के माध्यम से बुनियादी शहरी विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक बुनियादी ढांचे में सुधार करके रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे। नगर विकास विभाग इस वित्तीय वर्ष में इन शहरों के विकास पर 143 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
सरकारी धन के सदुपयोग पर किया गया फोकस
इन नई पहलों के साथ, विभाग ने न केवल शहरों के बुनियादी ढांचे को सुधारा है, बल्कि नए नगरीय निकायों की स्थापना की, लिगेसी वेस्ट जैसे इश्यूज का निवारण किया और सीनियर केयर और सेफ सिटी परियोजनाओं जैसी महत्वपूर्ण पहलों के साथ ही सरकारी धन के सदुपयोग उपयोग और लंबे समय से बकाया राशि का भी समय पर भुगतान किया है। इसके अलावा, मालिन बस्ती, सीवरेज और ड्रेनेज के लिए धन उपलब्ध कराया गया है जो राज्य के अधिकतम पूंजीगत खर्च और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में मदद करेगा। ये निवेश सरकार की ओर से विस्तृत शहरी विकास के साथ ही निवासियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के प्रति प्रतिबद्धता को प्रकट करते हैं।