रत्न शास्त्र में हर एक रत्न के बारे में काफी विस्तार से बताया गया है। रत्न शास्त्र के मुताबिक व्यक्ति के जीवन में आने वाली कई समस्याओं को रत्न धारण करने से हल कर सकते हैं। क्योंकि इन रत्नों का संबंध ग्रह से होता है। हर एक रत्न किसी न किसी ग्रह से संबंधित होता है। वहीं हीरा को रत्नों का राजा कहा जाता है और इस रत्न का संबंध शुक्र से होता है। माना जाता है कि कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति को मजबूत करने में हीरा काफी सहायक होता है।
यदि जातक हीरे को विधिवत धारण कर लें, तो व्यक्ति को सुख-समृद्धि और धन-वैभव की प्राप्ति होती है। लेकिन हीरा एक ऐसा रत्न होता है, जिसको हर कोई नहीं खरीद सकता है। ऐसे में संभव नहीं है कि हर कोई हीरा रत्न को धारण कर सके। ऐसे में आप चाहें तो हीरा का उपरत्न माना जाने वाला जरकन भी धारण कर सकते हैं।
रत्न शास्त्र के अनुसार, जरकन रत्न को धारण करने से हीरा रत्न पहनने जितना ही लाभकारी होता है। हांलाकि जरकन तमाम रंगों में मिलता है। वहीं हर रंग के जरकन का अपना अलग ग्रह स्वामी होता है। वहीं सफेद हीरे की जगह सफेद जरकन धारण करने से कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होती है और व्यक्ति के पास पैसों की तंगी नहीं होती है।
कैसे धारण करें जरकन
सफेद जरकन शुक्र ग्रह से संबंधित होता है। ऐसे में जो लोग कुंडली में शुक्र की स्थिति को ठीक करना चाहते हैं और जीवन में सकारात्मक प्रभाव चाहते हैं। उनको यह रत्न धारण करना चाहिए।
तुला और कर्क राशि के जातक इस रत्न को धारण कर सकते हैं।
यदि किसी जातक के विवाद में अड़चन आ रही है, तो ज्योतिष की सलाह पर इस रत्न को धारण कर सकते हैं।अगर किसी व्यक्ति की कमाई अच्छी है, लेकिन उनके पास महीने के अंत तक एक भी पैसा नहीं बचता है, तो ऐसे लोग जरकन रत्न धारण कर सकते हैं। इस रत्न को धारण करने से आपके पास पैसा बचने लगेगा।इस रत्न को धारण करने से शुक्र ग्रह की स्थिति अच्छी होने के साथ आर्थिक तंगी से भी छुटकारा मिलता है।जरकन रत्न धारण करना शारीरिक और मानसिक स्थिति के लिए अच्छा माना जाता है।
जरकन धारण करने का सरल तरीका
बता दें कि चांदी की अंगूठी में जरकन रत्न को धारण किया जाता है। इसे धारण करने से पहले अंगूठी को दूध या गंगाजल के पानी से स्नान करेंय. फिर 108 बार शुक्र ग्रह संबंधित मंत्र का जाप करें। इसके बाद इस अंगूठी को धारण कर लें।