राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने बिहार में कांग्रेस को 9 सीटें आवंटित की हैं और आगामी लोकसभा चुनाव में पूर्णिया सहित 26 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इन 26 सीटों में पाटलिपुत्र, हाजीपुर, सीवान, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया, सुपौल, गया, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, बक्सर, जमुई, बांका, वाल्मिकी नगर, मुंगेर, सीतामढी, वैशाली, सारण, दरभंगा, गोपालगंज, मधुबनी, उजियारपुर, अररिया, मधेपुरा और झंझारपुर शामिल हैं। कांग्रेस अब बिहार में नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जिनमें किशनगंज, कटिहार, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, पटना साहिब, सासाराम और महाराजगंज शामिल हैं।
गठबंधन को देखते हुए राजद ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (सीपीआई-एमएल) के लिए नालंदा, काराकाट और आरा लोकसभा सीटें छोड़ने का फैसला किया है। सीपीआई को बेगूसराय सीट दी गई है, जबकि सीपीएम को खगड़िया सीट मिली है। अब यह स्पष्ट है कि पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद, मधुबनी, अररिया, दरभंगा, सारण, उजियारपुर, नवादा, पाटलिपुत्र, बक्सर सहित 10 सीटों पर राजद का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से सीधा मुकाबला होगा; और वाल्मिकी नगर, सीतामढी, झंझारपुर, सुपौल, पूर्णिया, मधेपुरा, गोपालगंज, सीवान, बांका, मुंगेर, शिवहर और जहानाबाद सहित 12 सीटों पर जनता दल-यूनाइटेड (जेडीयू) के साथ है।
जहां तक चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास (एलजेपी-आरवी) का सवाल है, तो राजद का भी वैशाली, हाजीपुर और जमुई सहित तीन सीटों पर सीधा मुकाबला होगा। पश्चिम चंपारण, पटना साहिब, सासाराम, महाराजगंज और मुजफ्फरपुर सहित पांच सीटों पर कांग्रेस पार्टी का भाजपा से सीधा मुकाबला होगा। पार्टी किशनगंज, कटिहार और भागलपुर सहित तीन सीटों पर जदयू के साथ मुकाबला करेगी। पूर्णिया की सीट राजद के खाते में गई है, ऐसे में यह साफ हो गया कि अब यहां से पार्टी के टिकट पर पप्पू यादव का चुनाव लड़ना असंभव है।