अष्टमी का व्रत 17 को, हवन करना 18 को रहेगा श्रेयस्कर

ज्योतिषाचार्य सुजीत श्रीवास्तव ने दी नवऱात्र व्रत-पूजन की जानकारी

संतकबीरनगर। पूर्वाचल के जाने माने ज्योतिषाचार्य सुजीत श्रीवास्तव ने अष्टमी एवं नवमी के समय की जानकारी अपने ज्योतिष विद्या के माध्यम से दी है उन्होने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि इस वर्ष शारदीय नवरात्र में अष्टमी और नवमी को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुयी है। अष्टमी तिथि प्रारम्भ -दिनांक 16 अक्टूबर 10 बजकर 16 मिनट से और दिनांक 17 को 12 बजकर 49 मिनट दोपहर को अष्टमी तिथि समाप्त हो जायेगी। नवमी तिथि दिनांक 17 अक्टूबर को दोपहर 12.49 से प्रारम्भ होकर दिनांक 18 अक्टूबर को सायंकाल 03 बजकर 28 मिनट पे समाप्त हो जाएगी।

उन्होने बताया कि दो दिन व्रत रहने वाले भक्त अष्टमी का व्रत रहेंगे। उदया तिथि 17 को पड़ने के कारण अष्टमी का व्रत 17 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं नवमी भी 17 को 12 बजकर 49 मिनट से प्रारम्भ हो जाएगी। ज्योतिषाचार्य सुजीत श्रीवास्तव ने बताया कि उसके बाद नवमी लगने के कारण हवन किया जा सकता है लेकिन 18 अक्टूबर को प्रातः से सायंकाल 3 बजकर 28 मिनट तक हवन करना श्रेयस्कर है। जो लोग अष्टमी का व्रत रहेंगे उनका व्रत 17 को और पारण 18 को होगा। नव दिन व्रत रहने वाले भक्तों का पारण दिनांक 18 को सायंकाल 03.28 के बाद या 19 को प्रातः होगा।

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